कृष्ण नगरी मथुरा के गूजरघाटी इलाके में हनुमान का बेहद प्राचीन मंदिर है, जो शहर में गूजरघाटी वाले हनुमान के नाम से मशहूर है। इस मंदिर की विशेष धार्मिक मान्यता है। मान्यता है कि यहां हनुमान स्वयं प्रकट हुए है और मेहंदीपुर बालाजी के बड़े भाई के रूप में मंदिर में प्रतिष्ठित हैं। वैसे तो हर रोज ही गूजरघाटी वाले हनुमान की पूजा के लिए मंदिर में भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन हनुमान जन्मोत्सव के दिन मानो यहां पूरा शहर ही उमड़ पड़ता है। वजह है इस दिन यहां होने वाला हनुमान का विशेष पंचामृत से अभिषेक।
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उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सपत्नीक किया काशी विश्वनाथ का पूजन पंचामृत से किया गया महाभिषेक इस बार गूजरघाटी वाले हनुमान का 375 किलो पंचामृत से महाभिषेक किया गया। हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर अपने आराध्य के दर्शन करने और इस महाभिषेक की एक झलक पाने के लिए सुबह से ही मंदिर में भारी भीड़ लगी रही। हर कोई इस महाभिषेक के दर्शन कर खुद को धन्य करना चाहता था। इस महाभिषेक के बाद पंचामृत को यहां उपस्थित भक्तगणों में प्रसाद के रूप में बांटा गया। इस महाप्रसाद को पाने वाले भक्त खुद को भाग्यशाली समझते हैं। पंचामृत अभिषेक के बाद गूजरघाटी वाले हुनमान को चोला चढ़ाया गया। शाम को विशेष श्रृंगार और भव्य छप्पन भोग लगया गया।
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अजान की आवाज कानों को कर रही दूषित, जवाब में होगा हनुमान चालीसा का पाठ हर मनोकामना होती है पूर्ण मंदिर में दर्शन करने आई राशि शर्मा ने बताया यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। इस मंदिर की काफी मान्यता है। बाबा ने मुझे सौभाग्य दिया है कि मैं इनके दर्शन करने के लिए आती हूं और यहां बैठकर बाबा का ध्यान धरती हूं। मैं जब भी मंदिर में आती हूं तो मन में यही भाव लेकर आती हूं कि घाटी वाले बाबा सबकी मनोकामना पूर्ण करें। वहीं एक अन्य श्रद्धालु अमित ने बताया कि दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। जो भी बाबा शरण में आता है वह खाली हाथ लौटकर नहीं जाता है। मैंने यहां जो भी मांगा वह मुझे मिला है।