शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के सेक्रेटरी तनवीर अहमद ने बताया कि गुरुवार 21 अप्रैल को श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी विवाद में सुनवाई थी। अधिवक्ताओं का निधन होने के चलते कंडोलेंस कर दिया गया। उन्होंने कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी जो सुनवाई है, वह लोअर डिवीजन के यहां से खारिज हो चुकी है। तनवीर अहमद ने यह भी बताया कि प्लेस ऑफ़ वरशिप के एक्ट के तहत यह नियम केवल अयोध्या पर लागू होता है बाकी और कहीं यह नियम लागू नहीं होता है। इन लोगों की क्या मंशा है यह तो यही लोग ही बता पाएंगे।
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राजधानी सहित यूपी के पांच जिलों में संग्रहालय बनाएगी योगी सरकार सिविल जज की कोर्ट में किया था दावा बता दें कि अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री समेत आधा दर्जन लोगों ने सबसे पहले सिविल जज की कोर्ट में दावा पेश किया था। उन्होंने कोर्ट से ट्रस्ट की भूमि पर बनी शाही ईदगाह को अवैध बताते हुए ध्वस्त कराकर भूमि वास्तविक मालिक भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपने का अनुरोध किया था।
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नोएडा में लगातार चौथे दिन मिले 100 से अधिक केस, सीएम योगी ने टीम-9 को दिए ये निर्देश ये हैं प्रतिवादी इस मामले में शाही ईदगाह मस्जिद, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट प्रतिवादी हैं। याचिका में श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन को मुक्त कराकर शाही ईदगाह को हटाने की मांग है।