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करीब आठ माह पूर्व जल निगम द्वारा मथुरा शहर के यमुना किनारे के क्षेत्र में घरों की नालियों का पानी सीवर लाइन में जोड़ने का कार्य किया गया। जिसमें घोर अनिमियता बरती गई। विकास कार्यों के नाम पर मनमर्जी मानकों के विपरीत काम को चलताउ तरीके से निपटा दिया। जिसके कारण घरों का गन्दा पानी सीवर पाइप लाइन में ना जाकर के मकानों के नीचे जमीन में जाता रहा। जिससे गली रामजीद्वारा के कई मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। जिनमें बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। जमीन के फर्श अंदर की ओर धसक गये हैं। क्षेत्र में भय और चिंता का माहौल बना हुआ है। आनन-फानन में क्षेत्रवासियों ने वार्ड 48 के पार्षद प्रतिनिधि रामकृष्ण चतुर्वेदी से संपर्क किया। पार्षद प्रतिनिधि ने क्षेत्र में फटे मकानों को देखकर नगर निगम के इंजीनियर और जल निगम के जेई और ठेकेदार को क्षेत्र में बुला लिया। मौका मुआयना करने पर ज्ञात हुआ कि अभी हाल में किए गए कार्य के कारण नालियों का पानी जमीन के नीचे जा रहा है। जिससे मकानों के फटने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए जल निगम के अधिकारियों ने तुरंत ठेकेदार को दोबारा से कार्य करने का आदेश दिया। जल निगम द्वारा क्षेत्र में काम किया जा रहा है। रामजीद्वारा वार्ड 48 के स्थानीय नागरिकों ने जिलाअधिकारी और नगर आयुक्त से अपील की है जल निगम के ठेकेदार की लापरवाही के कारण लोगों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, जिसकी क्षतिपूर्ति और फटे मकानों की मरम्मत के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाये। रामजीद्वारा की निवासी बिरमा देवी शर्मा ने जिलाधिकारी से अपील की है कि हमारी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई से बनाया हुआ हमारा घर पल भर में चटक गया, मकान में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं।
सुलेखा यादव का कहना है कि हमारा मकान अभी एक साल पहले ही बना था जो कई जगह से फट गया है हम गरीब जनता ठेकेदार की गलती से लाखों का नुकसान कैसे सह पाएंगे। हमें हमारे मकानों की मरम्मत के लिए सहायता राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। शिक्षक संजय चतुर्वेदी का कहना है क्षेत्र में अधिकतर लोग मध्यमवर्गीय परिवार के रहते हैं जोकि कैसे-कैसे करके अपना जीवन यापन करते हैं इसमें इन घरों का फटना एक आघात के समान है जिसमें हमारा भी मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है हमारी सरकार से जिलाधिकारी महोदय और नगर आयुक्त महोदय से प्रार्थना है क्षेत्र में हुए भारी नुकसान के लिए स्थानीय निवासियों को जिनका कि नुकसान हुआ है उन्हें उनके घर की मरम्मत हेतु सहायता राशि प्रदान की जाए और दोषी ठेकेदार, अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लायी जाए।