ये है मामला उत्तर प्रदेश में भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की बात कहते हों लेकिन हकीकत कुछ और ही है। ताजा मामला आया है मथुरा के सोनई गांव का जहां एक प्रसूता ने अपने बच्चे को सड़क पर जन्म दे दिया। आपको बता दें कि सोनई गांव की मिथिलेश को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। मिथिलेश के परिजनों ने सरकारी एंबुलेंस 102 और 108 दोनों पर फोन किया लेकिन किसी ने भी फोन रिसीव नहीं किया और फोन रिसीव न होने के कारण सरकारी एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई। जब परिजनों ने सोनई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क किया तो वहां भी इन्हें एंबुलेंस की कोई सुविधा नहीं मिली। सड़क पर यह प्रसूता तड़पती रही और दो-तीन घंटे बीत जाने के बाद मिथिलेश ने अस्पताल ले जाते वक्त सड़क पर बच्चे को जन्म दे दिया। जब इसका पता वहां रह रहे आसपास के लोगों को हुआ तो उन्होंने बिना समय गवाएं प्रसूता को सोनई गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती करा दिया और जच्चा और बच्चा दोनों ही सुरक्षित बताए गए हैं ।
ग्रामीणों की मदद से हॉस्पिटल पहुंचाया मिथिलेश की परिजन रामदेव ने बताया कि आसपास की महिलाएं और लोग आए उन्होंने हमारी मदद की और सामुदायिक केंद्र पर मिथिलेश को भर्ती कराया। बच्चे को सड़क पर ही जन्म दे दिया अगर एंबुलेंस आ जाती तो हॉस्पिटल में मिथिलेश बच्चे को जन्म देती। मिथिलेश के रिश्तेदार राम सिंह का कहना है कि प्रसव पीड़ा हुई तो हमने एंबुलेंस को कॉल किया लेकिन फोन नहीं उठाया और हम लोग उसे मोटरसाइकिल पर बिठाकर हॉस्पिटल ले जा रहे थे तभी रास्ते में मिथिलेश को ज्यादा पीड़ा होने लगी और उसने बच्चे को सड़क पर ही जन्म दे दिया।