जिस समाज में बेटियों को घरों से निकलने में पाबंदियां थी आज वही बेटी,बेटों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। चाहे शिक्षा ग्रहण करने की बात हो या हवाई जहाज उड़ाने की हर क्षेत्र में बेटियां अपना परचम लहरा रही हैं और बेटों से बढ़कर बेटियां अपने जनपद के साथ-साथ प्रदेश और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। माउंट आबू में राष्ट्रीय स्तर ( National Level ) पर हुए मार्शल आर्ट सेमिनार ( Martial Arts Seminar) में कान्हा की नगरी की बेटियों ने अपना परचम लहराया है और इन बेटियों ने ब्राउन बेल्ट ( Brown Belt ) ही नहीं बल्कि ब्लैक बेल्ट ( Black Belt ) भी अपने नाम कर जिले का नाम रोशन किया है। बता दें कि माउंट आबू ( Mount Abu ) में चार दिवसीय मार्शल आर्ट कंपटीशन ( Martial Arts Competition ) में तकरीबन 20 राज्यों के मार्शल आर्ट के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। वही इस कंपटीशन में भाग लेने के लिए कान्हा की नगरी से मार्शल आर्ट के छात्र-छात्राएं माउंट आबू में भाग लेने के लिए गए थे। वही वेस्ट कोच ऑफ द ईयर ( West Coach Of Tthe Year) के अवार्ड से महेंद्र सिंह और मोहम्मद अशरफ को नवाजा गया।
बृज अकैडमी के कोच महेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया जनवरी के पहले सप्ताह में मार्शल आर्ट प्रतियोगिता का आयोजन माउंट आबू ( Mount Abu ) में किया गया था। मथुरा से शीतल वशिष्ठ और नकुल चौधरी ने ब्लैक बेल्ट ( Black Belt ) हासिल की तो वही हनुमान प्रसाद धानुका स्कूल की श्वेता चौधरी, निधि कुशवाहा और शालिनी मिश्रा ने ब्राउन बेल्ट ( Brown Belt ) पर अपना कब्जा जमाया। महेंद्र कहते हैं बेटियों का सबसे अच्छा दबदबा रहा और बेटियों का सबसे अच्छा हथियार मार्शल आर्ट ( Martial Arts) को माना गया है किसी भी मुसीबत में बेटियां फंसे तो मार्शल आर्ट उस समय पर काम आता है। बेटियों का रुझान मार्शल आर्ट ( Martial Arts ) की तरफ लगातार बढ़ रहा है और बेटियां लगातार ब्लैक बेल्टों ( Black Belt ) पर कब्जा कर रही हैं।
By – Nirmal Rajpoot