यह भी पढ़ें VIDEO: दो घंटे के लिए सीओ ट्रैफिक बना युवक, कराए धड़ाधड़ चालान मच गया हड़कंप 2008 में हुआ हादसा उन्होंने बताया- मैं आईएएस का छात्र रहा हूं। इंटरव्यू के लिए जा रहा था तो मथुरा जंक्शन पर रेल हादसे में मेरे दोनों पैर खराब हो गए। हादसे के कुछ दिन बाद बेड से ही मैंने बच्चों को पढ़ाना स्टार्ट किया और मैंने हिम्मत नहीं हारी। 2008 में यह हादसा मेरे साथ हुआ था और 2008 से जब मैंने शुरुआत की तो एक बच्चे को मैंने पढ़ाया। जो बच्चे गरीब हैं और अपनी फीस नहीं भर पाते, जिन बच्चों के अंदर पढ़ने का जुनून है और कुछ कर दिखाने का जज्बा है, उन बच्चों को मैं निशुल्क शिक्षा देता हूं। 2008 से लेकर और आज तक में हजारों ऐसे बच्चों को शिक्षा दे चुका हूं जो विभिन्न पदों पर विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं। मुझे खुशी होती है कि मेरे पढ़ाए हुए छात्र अच्छी जगह हैं।