दरअसल जब से शिवपाल यादव ने सेक्युलर मोर्चा बनाया है तब से समाजवादी पार्टी में खलबली मच गई थी। दोनों ओर से नेताजी की खींचतान की जा रही थी। जनता भी समझ नहीं पा रही थी कि मुलायम बेटे का साथ देंगे या भाई का, क्योंकि दोनों ही नेता जी का आशीर्वाद अपने साथ होने का दावा कर रहे थे। संजय लाठर के मुताबिक नेताजी ने कुछ समय पहले कहा था कि अखिलेश जो साइकिल रैली निकाल रहे हैं, वे पहले प्रदेश में उसका मैसेज देखना चाहते हैं। उसके बाद ही कुछ निर्णय लेंगे। साइकिल रैली के दौरान नेताजी ने अपने समर्थकों से रैली का फीडबैक लेना शुरू किया था। इसके लिए मथुरा में पार्टी के तीन नेताओं को लगाया गया था। फीडबैक से संतुष्ट होकर वे जंतर मंतर पहुंचे और पार्टी के नेताओं को बधाई दी। साथ ही कहा कि वे बहुत खुश हैं।
संजय लाठर के मुताबिक अब नेता जी का पूरा आशीर्वाद सपा के साथ है। पिता और बेटे के बीच रिश्तों में कोई खटास नहीं है। आज भी अखिलेश यादव हर सीट पर नेता जी से सलाह लेते हैं। देश की जनता भाजपा से नाराज है और भाजपा को रोकने का दम सपा के पास है। इस बार सपा नेताजी के मार्गदर्शन में ही चुनाव लड़ेगी।