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Krishna Janmashtami 2019: आज रोहिणी नक्षत्र में करें भगवान की पूजा, जानें पूजन विधि

locationमथुराPublished: Aug 24, 2019 10:02:12 am

Submitted by:

suchita mishra

उदया तिथि के मुताबिक आज जन्माष्टमी है। साथ ही आज रोहिणी नक्षत्र भी है।

Krishna Janmashtami 2019 : कृष्ण जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की इस विधि से करें पूजा, हर मनाकमना होगी पूरी

Krishna Janmashtami 2019 : कृष्ण जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की इस विधि से करें पूजा, हर मनाकमना होगी पूरी

मथुरा। उदया तिथि के मुताबिक का श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। हिंदू शास्त्रों में उदया तिथि यानी सूर्योदय के साथ प्रारंभ होने वाले त्योहारों को श्रेष्ठ माना गया है। अष्टमी आज सुबह सुबह 08.32 बजे तक ही थी, लेकिन सूर्योदय के समय से अष्टमी तिथि होने के कारण आज पूरे दिन अष्टमी तिथि मानी जाएगी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा के अनुसार आज रोहिणी नक्षत्र भी है। रोहिणी नक्षत्र 24 अगस्त की सुबह 3:48 से शुरू हो चुका है और 25 अगस्त को सुबह 4:17 बजे तक रहेगा। भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में ही हुआ था। उदया तिथि की अष्टमी और साथ में रोहिणी नक्षत्र के साथ के कारण आज के दिन जन्माष्टमी मनाना श्रेष्ठ है।
Krishna Janmashtami 2019
पूजा के लिए घर पर लाएं ये सामग्री
भगवान के जन्म के समय पूजन करने के लिए घर पर आज कुछ सामग्री की जरूरत पड़ेगी, जो इस प्रकार है। चौकी, लाल वस्‍त्र, बाल गोपाल की मूर्ति, गंगाजल, मिट्टी का दीपक, घी, रूई की बत्ती, धूप, चंदन, रोली, अक्षत, तुलसी ,पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) मक्खन, मिश्री, मिष्ठान/नैवैद्य, फल, बाल गोपाल के लिए वस्‍त्र, श्रृंगार की सामग्री (मुकुट, मोतियों की माला, बांसुरी और मोर पंख), इत्र, फूलमाला, फूल और पालना आदि।
Krishna Janmashtami 2019
ऐसे करें पूजन
भगवान कृष्ण का पूजन आधी रात को किया जाता है क्योंकि उनका जन्म आधी रात को ही हुआ था। पूजा शुरू करने से पहले शाम को एक बार स्नान कर लें। उसके बाद बताई गई सभी सामग्री रख लें और पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं। इसके बाद पहले भगवान का पालना सजाएं। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर लड्डू गोपाल की मूर्ति स्‍थापित कर पूजा प्रारंभ करें। सबसे पहले भगवान श्री कृष्‍ण की प्रतिमा के आगे उनका ध्‍यान करें। इसके बाद हाथ जोड़कर भगवान का आवाह्न करें। अर्घ्‍य, आचमन व स्नान कराएं। सबसे पहले पानी से स्‍नान कराएं और उसके बाद दूध, दही, मक्‍खन, घी और शहद से स्‍नान कराएं। अंत में साफ पानी से एक बार और स्‍नान कराएं। अब भगवान श्रीकृष्‍ण की मूर्ति को किसी साफ और सूखे कपड़े से पोंछकर नए वस्‍त्र पहनाएं। फिर उन्‍हें पालने में रखें। अब श्रीकृष्‍ण को चंदन अर्पित करें। धूप-दीप अर्पित करें। भोग लगाएं। पान के पत्ते पर लौंग-इलायची, सुपारी और कुछ मीठा रखकर अर्पित करें। दक्षिणा या भेंट दें। आखिरी में घी के दीपक से श्रीकृष्‍ण की आरती करें।
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