जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों सड़क हादसों में हुई प्रवासी मजदूरों की मौत के बाद जाएगी सरकार के फरमान के बाद पुलिस और प्रशासन के अफसरों में दिल्ली हरियाणा की ओर से ट्रकों में और पैदल आ रहे मजदूरों को बसों से सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने का आश्वासन देकर कोसीकलां स्थित मंडी में बनाए शेल्टर और थाना फरह क्षेत्र में रैपुराजाट के समीप हरदयाल कालेज में बनाए गए शेल्टर होम में रोक दिया। बताया गया कि हजारों की तादात में प्रवासी मजदूरों के लिए प्रशासन द्वारा खाने-पीने की ना तो कोई उचित व्यवस्था की गई और ना ही रविवार को आश्वासन के मुताबिक कोई बस ही मिली। फरह क्षेत्र में गुस्साए प्रवासी मजदूरों ने दिल्ली-आगरा नेशनल हाइवे पर टायर जलाकर जाम लगा दिया और जमकर हंगामा किया मौके पर पुलिस भी पहुंच गए लेकिन प्रवासी मजदूर किसी की बात मानने को तैयार नहीं थे और उनका कहना था कि यदि कोई इंतजाम नहीं थे तो उन्हें आखिर रोका क्यों गया। करीब 2 घण्टे के बाद किसी तरह मजदूरों ने जाम खोला जिक्सके बाद उन्हें ट्रकों में भरकर आगे रवाना कर अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी पूरी कर ली। कोसीकलां मंडी में बनाए शेल्टर में हज़ारों की तादात में प्रवासी मजदूर रविवार की सुबह फिर से अपने-अपने गांव जाने के लिए पैदल ही चल पड़े।
सौ-दो सौ नहीं बल्कि 8-10 हज़ार की संख्या में प्रवासी मजदूर एनएच-2 पर उतर आए तो प्रशासन के अफसरों की नींद खुली और स्थिति को काबू करने के लिए पहुंचे। डीएम सर्वज्ञराम मिश्र के साथ एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर माइक पर इन मजदूरों के अपील करने लगे लेकिन मानों इन मजदूरों के अफसरों को बातों से भरोसा ही उठ गया था और अधिकारियों की अपील का भी कोई खास असर प्रवासी मजदूरों पर नहीं हुआ। वहीं इस माहौल के बीच जब प्रशासनिक इंतजामों को लेकर डीएम मथुरा सर्वज्ञराम मिश्रा से मीडिया ने जानकारी करने का प्रयास किया तो उन्होंने बताया कि शनिवार को अचानक 15-20 हज़ार की भीड़ कल आई थी।
डीएम ने बताया कि कल से सुबह तक 90 बसें रवाना हुई हैं और बसों की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि रविवार को मंडी में रुके 10-12 हज़ार लोग सड़कों पर आ गए, हम सभी से अपील कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी भले ही अपनी पीठ थपथपाने को लाख दावे करे लेकिन हकीकत उससे बिल्कुल परे है। जिस वक्त हाइवे किनारे डीएम मीडिया से बात कर रहे थे इसी दौरान उनके पीछे हाइवे से कई ट्रक गुजरे जिनमें मजदूर भरे हुए थे और ये तस्वीरें प्रशासनिक इंतजामों की पोल खोल रही थी।