दरअसल, जिला अस्पताल के प्रांगण स्थित ट्रॉमा सेंटर में कोरोना की जांच कराने के लिए लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। आरोप है कि डॉक्टरों के समय पर न पहुंचने के कारण लोग परेशान हैं और कोरोना की जांच कराने के लिए लोग घंटों लाइन में लगकर परेशान होकर वापस लौट जाते हैं। जिला अस्पताल में लचर व्यवस्थाओं के चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं स्ट्रेचर पर लाई गई यह महिला करीब 2 घंटे से ट्रॉमा सेंटर के मुख्य द्वार पर इंतजार करते-करते बेहोश हो गई। लेकिन डॉक्टरों के कान पर जूं नहीं रेंगी।
ट्रॉमा सेंटर में पत्नी का कोरोना टेस्ट कराने आए अजय नाम के व्यक्ति ने बताया पिछले 2 घंटों से मेरी वाइफ यहां पड़ी हुई हैं कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। स्वास्थ्य विभाग का कोई भी कर्मचारी है डॉक्टर सुनने को तैयार नहीं है किसी की जान जाती है तो जाए। जिला अस्पताल में कोई भी कर्मचारी अपने काम को सही से करने की जहमत नहीं उठाता और ना ही कोई आने वाले पेशेंट ओं के साथ अच्छा व्यवहार करता कोई मरता है तो मर ता रहे इन्हें तो वश मतलब है कमरों में बैठकर एक दूसरे के साथ घर की चर्चा करना।