माजिलें क्या है, रास्ता क्या है,हौसला है तो फिर फ़ासला क्या है। मन में लगन और दिल मे कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो तो मंजिल मिल ही जाती है। कान्हा की नगरी की एक बेटी ऐसी भी है जो पेशे से डॉक्टर हैं और सैकड़ों लोगों का इलाज नि:शुल्क कर चुकी हैं। बता दें कि मथुरा राया रोड स्थित अपने निजी अस्पताल में ग़रीब और असहाय लोगों की सेवा के लिए भी प्रदेश स्तर पर सम्मान पा चुकी है। डॉ रश्मि गोयल ने बताया कि 25 फरवरी से लेकर 28 फरवरी तक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस मुकाबले में पार्टिसिपेट करने के लिए उन्होंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया और उसके बाद उन्हें मिजिस इंडिया के लिए चुना गया। 28 फरवरी को हुए फाइनल मुकाबले में उन्होंने दूसरे स्थान पर आकर मिसिज़ इंडिया का खिताब अपने नाम किया। उन्होंने अपने परिवार प्रेरणा स्रोत मानते हुए सभी का धन्यवाद किया। डॉ रश्मि के द्वारा जीते गए किताब से पूरे परिवार में खुशी का माहौल पैदा हो गया और डॉ रश्मि को बधाइयां का दौर लगातार जारी है। लक्ष्मी ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रसिद्ध फिल्म हस्तियों ने भाग लिया और उन फिल्म हस्तियों में से फिल्म अभिनेता तुषार कपूर ने जीत कर आए महिलाओं के सिर पर ताजपोशी की। डॉ रश्मि गोयल ने इस सबका श्रेय अपनी माता और परिवार को दिया है। डॉ. रश्मि ने कहा कि इतनी ऊंचाई तक जाने के लिए परिवार ने उन्हें हौसला दिया।