script20 साल पहले डकैती की इस घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया था, लेकिन पुलिस आज तक नहीं कर पायी खुलासा… | midland compound robbery case of mathura still mystery after 20 years | Patrika News

20 साल पहले डकैती की इस घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया था, लेकिन पुलिस आज तक नहीं कर पायी खुलासा…

locationमथुराPublished: Sep 19, 2019 06:36:20 pm

Submitted by:

suchita mishra

घटना के दौरान परिवार को बदमाशों ने छोड़ा था मरणासन्न अवस्था में। सर्राफा व्यापारी चले गए थे कोमा में, पत्नी के सिर में आए थे 350 टांके।

इस घर में रहता है पीड़ित परिवार

इस घर में रहता है पीड़ित परिवार

मथुरा। 20 वर्ष पहले मिडलैंड कंपाउंड मसानी के सर्राफा व्यापारी के घर पर डकैती की घटना को याद करके आज भी परिवार सिहर उठता है। इस घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया था। जुलाई के महीने की अंधेरी रात में जब सर्राफा व्यापारी सुरेश चंद्र अग्रवाल का पूरा परिवार सो रहा था, तभी बदमाशों ने उनके घर पर धावा बोल दिया। परिवार के सदस्यों पर इतने प्रहार किए कि व्यापारी और उनकी पत्नी मरणासन्न अवस्था में पहुंच गए। इसके बाद बदमाश घर में रखे सारे जेवरात और नकदी साथ लेकर फरार हो गए। इस घटना को अब बीस साल बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस आज भी इस घटना का खुलासा नहीं कर सकी है।
खिड़की के सहारे घुसे थे बदमाश
सर्राफा व्यापारी सुरेश चंद्र अग्रवाल की पत्नी मधु अग्रवाल बताती हैं कि ये पूरा घटनाक्रम 19 जुलाई 1999 का है। उस समय परिवार में उनके पति के अलावा दो बच्चे बेटा हिमांशु और बेटी चीना थे और उनकी बुजुर्ग सास थीं। बेटा 13 साल का था और बेटी 9 साल की थी। घर पर काम चल रहा था, लेबर लगी हुई थी। बगल में एक प्लाट खरीदा था, उसे मर्ज करवा रहे थे। ऊपर एक खिड़की थी वो खुली हुई थी, उसी के सहारे करीब एक दर्जन बदमाश घर में घुस आए।
मधु अग्रवाल
सोते हुए किया था प्रहार
मधु बताती हैं कि बदमाशों ने सबसे पहले सास पर डंडे से प्रहार किया, उस समय वे सो रही थीं। इससे वे बुरी तरह घायल हो गईं। उसके बाद बदमाश सोते हुए पूरे परिवार पर हमला करते चले गए। बस इतना याद है कि बदमाशों ने उस समय डंडा मारा था, इसके बाद क्या हुआ कुछ याद नहीं। हम सब मरणासन्न अवस्था में पहुंच गए। मधु का कहना है कि बदमाशों ने हम लोगों को मरा हुआ समझा और इसके बाद घर में रखे सोने चांदी के सारे जेवरात व नकदी लेकर फरार हो गए।
पति 14 सालों तक कोमा में रहे
मधु का कहना है कि इस घटना में सबसे ज्यादा उन्हें व उनके पति को चोटें आयीं थीं। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। लंबे समय तक इलाज चला। मधु को सिर से लेकर चेहरे तक 350 टांके आए और उनके पति कोमा में चले गए। कोमा के दौरान वे सब समझते। बिस्तर पर पड़े पड़े उनकी आंखों से आंसू गिरते, लेकिन कुछ बोल नहीं पाते थे। 14 सालों तक वे कोमा में ही रहे। मधु और उनके बेटे हिमांशु ने उनकी सेवा की, लेकिन लंबे समय तक इंसाफ की राह देखते देखते आखिरकार पूरे परिवार की उम्मीदें टूट गईं। उनके पति ने भी 14 साल बाद दम तोड़ दिया।
File Photo
कुछ समय बाद लूट की दूसरी घटना घटी
व्यापारी की पत्नी मधु ने बताया कि घटना के बाद वे लोग दूसरे घर में जाकर रहने लगे। खाली घर को गिर्राज अग्रवाल नामक शख्स को किराए पर दे दिया। वे लोग करीब एक साल तक मकान में रहे। उस दौरान 18 इंच की दीवार काटकर बदमाशों ने खिड़की उखाड़ ली और घर में घुस आए। परिवार पर हमला किया, जिससे गिर्राज अग्रवाल की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद बदमाश सामान लेकर फरार हो गए।
बेटे हिमांशु के साथ मधु
पुलिस के लिए आम बात की तरह थी ये घटना
व्यापारी सुरेश चंद्र की पत्नी मधु का कहना है कि ये घटना हमारे जैसे लोगों के लिए बहुत बड़ी घटना थी, लेकिन पुलिस के लिए तो ये रोजाना की तरह होने वाली आम घटना मात्र थी। लिहाजा शुरुआत में तो जांच की कुछ औपचारिकताएं चलीं और फिर समय के साथ इस घटना को भुला दिया गया। धीरे धीरे कोमा में पड़े सुरेश चंद्र की भी इंसाफ की उम्मीद धुंधलाने लगी और आखिरकार 14 साल बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। आज इस घटना को 20 साल बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस के हाथ आज भी इस मामले में खाली हैं।
पुलिस से नहीं है कोई उम्मीद
मधु का कहना है कि दोनों लूट की घटनाओं को लंबा समय बीत चुका है, आज भी वो मंजर याद करके आंखों में आंसू आ जाते हैं। लेकिन पुलिस आज तक दोनों में से एक भी घटना का खुलासा नहीं कर पायी। उनका कहना है कि अब हमें पुलिस से कोई उम्मीद नहीं रही। 20 साल उस घटना को बीत चुके हैं, इतने साल में जो खुलासा नहीं हुआ, वो अब क्या होगा।
इनपुट: निर्मल राजपूत

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