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इन उत्पाती बंदरों को पहले चंबल के बीहड़ में छोड़ा जाएगा। साथ ही मंकी रेस्क्यू सेंटर खोला जाएगा। ये बातें सोमवार को वेटरनेरी विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, नगर निगम, वन विभाग, प्रशासन व वेटरनेरी के विशेषज्ञों के सेमिनार में कही गईं। इस सेमिनार में स्थानीय नागरिक व पार्षदों ने भी हिस्सा लिया था। इस दौरान नगर आयुक्त रविंद्र कुमार मांदड़ ने बंदरों को चंबल छोड़ने की अनुमति पर मुहर लगा दी। साथ ही बताया कि पहले दौर में दो हजार बंदरों को चंबल के बीहड़ में छोड़ा जाएगा। डीएम सर्वज्ञराम मिश्र ने चौमुहां क्षेत्र में मंकी रेस्क्यू सेंटर के लिए 25 एकड़ जमीन वन विभाग को उपलब्ध कराने की बात कही। इस बीच डीएम ने कहा कि सबसे पहले इन बंदरों को पकड़ा जाए और जो बंदर बीमार पाए जाते हैं, उनको रेस्क्यू सेंटर में रखकर इलाज किया जाए। इसके बाद इन्हें सुरक्षित जंगल में छोड़ा जाए। उन्होंने डीएफओ से कहा दिसम्बर तक ही पूरी योजना को तैयार करके भारत सरकार को भेज दें और प्रयत्न करें कि दिसम्बर तक अनुमति भी प्राप्त हो जाए।
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