मथुरा

हाथों में मृदंग, मुंह पर मास्क और जुबां पर राधा नाम संकीर्तन

भगवान श्रीकृष्ण की नगरी भी इससे अछूती नहीं रही और सभी मंदिर और देवालय को कोरोना के कहर ने अपनी गिरफ्त में ले लिया।

मथुराJun 28, 2020 / 02:45 pm

Neeraj Patel

हाथों में मृदंग, मुंह पर मास्क और जुबां पर राधा नाम संकीर्तन

मथुरा. कोरोना वायरस महामारी ने जहां पूरे विश्व की रफ्तार को थाम दिया था वहीं भगवान श्रीकृष्ण की नगरी भी इससे अछूती नहीं रही और सभी मंदिर और देवालय को कोरोना के कहर ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। जैसे ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई तो कुछ विदेशी भक्त मुंह पर मास्क, दो गज की दूरी और जुबां से भगवान श्रीराधा-कृष्ण का नाम का जपते हुए झांझ और मृदंग की धुन पर नाचते गाते हुए अनलॉक के बाद रोजाना वृंदावन की परिक्रमा करने में जुटे हैं। सूरज ढलने के बाद परिक्रमा मार्ग की सड़क पर अंधेरा हो या स्ट्रीट लाइट्स का उजाला कोई फर्क नहीं पड़ता। बस झांझ-मजीरे और मृदंग की धुन पर हरिनाम संकीर्तन करते झूमते गाते हुए ये विदेशी कृष्ण भक्त अपने आराध्य की आराधना में लीन हैं। नाचते हुए अपने आराध्य की भक्ति में तल्लीन इन विदेशी भक्तों का मानना है कि भगवान की भक्ति में नाचना और गाना दोनों ही बहुत आनंददायक है। इसके साथ ही यह हमारे दिमाग, शरीर और आत्मा तीनों के लिए बहुत अच्छा है । विदेशी भक्तों का मानना है कि कि संकीर्तन करने शांति मिलती है।

अनलॉक के बाद से शुरू की परिक्रमा

बता दें कि कान्हा की जन्म एवं क्रीड़ास्थली मथुरा-वृन्दावन के प्रति देश ही नहीं बल्कि विदेशी भक्तों की भी अगाध आस्था है और हर साल बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु विश्वभर से अपने आराध्य की भूमि के दर्शनों के लिए यहां आते हैं। इस बार कोरोना महामारी की वजह से सब कुछ ठहर सा गया है, धर्मिक पर्यटन भी पूरी तरह से इससे प्रभावित है। होली के अवसर पर जो भी विदेशी भक्त चाहकर भी इस बार ब्रज की होली का लुत्फ नहीं उठा सके। इस्कॉन ने भी अपने दरवाजे इनके लिए होली से पहले ही बंद कर दिए उसके बाद सरकार द्वारा जारी लॉक डाउन के बाद जिंदगी मानो ठहर सी गई।

हर रोज कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर लोगों की चिंताएं बढ़ रही हैं, सरकार इसकी रोकथाम के लिए भरसक प्रयास में जुटी है। ऐसे में लॉक डाउन से पहले लंबे समय से यहां आश्रमों में रह रहे विदेशी भक्तों का अपने आराध्य की भक्ति के प्रति जज्बा कम नहीं हुआ। अनलॉक होने के बाद यह विदेशी भक्त टोली के साथ निकलते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ चेहरे पर मास्क लगाकर भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन नजर आते हैं तो वही झूमते नाचते श्री हरि नाम संकीर्तन करते हुए वृंदावन की परिक्रमा करते हैं । विदेशी भक्तों का मानना है कि भगवान श्री कृष्ण की भक्ति मैं जो आनंद आता है वह एक अलग ही आनंद है और भक्त और भगवान का जो रिश्ता है वह दुनिया से अलग है जितना भगवान की भक्ति में लीन होकर आनंद मिलता है वह दुनिया के किसी भी सुख से नहीं मिलता ।

हर शाम होती है आनंद की प्राप्ति

हर शाम को हाथों में मृदंग, मंजीरे, ढोलक और हरमोनियम लेकर निकलते यह विदेशी भक्त हरि नाम संकीर्तन करते हुए लोगों को भी संदेश दे रहे हैं और सात समंदर पार से आए यह विदेशी भक्त वृंदावन में रहकर भगवान की भक्ति कर रहे हैं। जैसे ही यह विदेशी भक्त हरि नाम संकीर्तन करते हुए यहां से गुजरते हैं तो आसपास रहने वाले लोग अपने घरों से बाहर निकल आते हैं। घरों में रहने वाले लोगों की हर शाम आनंदित होती है क्योंकि यहां से जो विदेशी भक्त हरि नाम संकीर्तन करते हुए निकलते हैं वह एक अनोखी और अलौकिक अंदाज में यहां से श्री राधा कृष्ण नाम जपते गुजरते हैं।

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