scriptमुड़िया मेलाः भीड़ के दबाव में बिखरीं व्यवस्थाएं | Mudiya Mela arrangements according to crowd unsatisfying | Patrika News

मुड़िया मेलाः भीड़ के दबाव में बिखरीं व्यवस्थाएं

locationमथुराPublished: Jul 16, 2019 08:53:31 pm

-प्रशासन भीड़ का दबाव कम होने का कर रहा इंतजार-नियमों को सख्ती से लागू करने पर भी बिगड़ सकती है बात-श्रद्धालुओं के उत्साह की वजह से भी व्यवस्था संभालने में हो रही परेशानी

mudiya Mela

मुड़िया मेलाः भीड़ के दबाव में बिखरीं व्यवस्थाएं

मथुरा। मुड़िया मेला के तीसरे दिन यानी गुरूपूर्णिमा पर भीड़ भाड़ अपने चरम पर पहुंच गई। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने सात कोसी गोवर्धन परिक्रमा दी। इस बीच सुरक्षाकर्मियों को व्यवस्थाओं को संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसमें श्रद्धालुओं का अति उत्साह भी एक बड़ा कारण बना। तय की गई व्यवस्थाओं को बनाये रखने के लिए सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं के साथ सख्ती करने से भी बच रहे थे। यही वजह रही कि व्यवस्थाओं को संभालने में सुरक्षाकर्मियों की मुश्किलें कुछ ज्यादा ही बढ़ गईं।
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नये बस स्टैण्ड से सवारियां भर बस के अंदर नियंत्रित संख्या में ही पुलिसकर्मी भरने दे रहे थे। श्रद्धालुओं को बसों की छतों पर भी बैठने से रोक जा रहा था लेकिन बस जैसे ही आगे बढ़ती रास्ते से श्रद्धालु बसों की छतों पर चढ़ने लगते। भूतेश्वर से लेकर गोवर्धन चैराहे तक जितनी सवारी अंदर उतनी ही छत पर बैठी होती थीं। अब इन्हें उतारने के लिए पुलिसकर्मियों को कुछ समय चाहिए होता है लेकिन इस कवायद में जाम के हालात बिगड़ने लगते हैं। यही वजह रही कि पूरी चौकसी के बाद भी श्रद्धालु बसों की छतों पर बैठ कर यात्रा करते रहे।
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इस बीच डग्गेमार वाहनों ने भी खूब चांदी काटी। डग्गेमार वाहन श्रद्धालुओं से तय किराये से ज्यादा की वसूली कर रहे थे लेकिन श्रद्धालु किसी तरह यात्रा पूरी करना चाहते थे और सुरक्षाकर्मी कसी भी तरह भीड़ के दबाव से निपट नहीं पा रहे इसलिए यहां भी स्थिति बिगड़ी रही। इतना ही नहीं, आॅटो चालक भी इस दौड़ में पीछे नहीं रहे। हालांकि पुलिस की सख्ती से यह जरूर हुआ कि दूसरे रूट के आॅटो गोवर्धन रूट पर नहीं चल सके। इससे पहले इस दिक्कत का भी सामना करना पड़ता था। गोवर्धन से निकलने के बाद दूसरे धार्मिक स्थलों को जाने के लिए श्रद्धालुओं को वाहन ही नहीं मिलते थे लेकिन इस बार इस तरह की किसी परेशानी का सामने नहीं करना पड़ा। रोडवेज बस चालक और परिचालकों से सवारियों को छत पर चढ़ने से रोकने लिए अपनी तरफ से भी भरसक प्रयास किये। कुछ बस चालकों ने तो बस के पीछे छत पर चढ़ने के लिए लगी सीढ़ी पर कांटे बांध दिये लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ के दबाव में यह सब कवायद बेकार ही रही।
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