जयपुर पुलिस की आंखों के सामने से नौ दो ग्यारह हो गया चोर
बहुत लम्बा जला बुना हत्योरोपी ने, पुलिस भी रह गई हैरान
हत्यारोपी 45 वर्षीय इन्द्रदेव का अपने चाचा थान सिंह पुत्र कारे सिंह से जमीनी विवाद चल रहा था। जिसको लेकर इन्द्रदेव ने अपनी बेटी व मां की हत्या वर्ष 2011 में थान सिंह व उसके परिवारीजनो को फसाने के लिये की थी। जिसका मुकदमा भी फरह थाने पर पंजीकृत हुआ था। तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा इन्द्रदेव इस मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इन्द्रदेव इस केस में जमानत पर चल रहा है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है। थान सिंह व उसकी पत्नी इस मुकदमें में स्वतंत्र साक्षी है। थान सिंह और मृतक दिलीप सिंह के बेटे टीकम सिंह व टीकम सिंह की पत्नी से घर में घुसकर मारपीट सम्बन्धी में मुकदमा भी न्यायालय में चल रहा है। इस मुकदमे में गांव के लोग व रिस्तेदारों द्वारा राजीनामा कराने का प्रयास किया गया था परन्तु थान सिंह ने किसी की बात नहीं मानी। इसी बीच इन्द्रदेव उपरा ने 15 दिसम्बर 2018 को अपने आप को गायब कर अपने बेटे द्वारा अपनी गुमशुदगी लिखाकर अपनी परिचित महिला पत्नी रणधीर सिंह निवासी नदवई जिला भरतपुर राजस्थान के साथ रहने लगा और लुक छिपकर अपने बच्चो व परिवार से मिलता व बात करता रहा। जिसने अपनी गुमशुदगी व थान सिंह व टीकम सिंह को रंजिश का फायदा उठाते हुये थान सिंह को फसाने के उद्देश्य से दिलीप सिंह की हत्या कर फरार हो गया।