नोट और वोट की राजनीति के लिए राम मंदिर मुद्दा निर्मोही अखाड़े के राष्ट्रीय प्रवक्ता संत सीताराम बाबा ने धर्मसभा में सम्मिलित हुए संतों पर आरोप लगाते हुए कहा कि धर्मसभा एक राजनैतिक स्टंट था। भारतीय जनता पार्टी की नोट और वोटों की राजनीति स्पष्ट सामने आ गई है। सीताराम बाबा ने कहा कि अयोध्या धर्म संसद के नाम से किए गए कार्यक्रम के बाद भी अब राम मंदिर नहीं बना तो यही, लोग अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आंदोलन करेंगे क्या?
2019 में भाजपा को सहना होगा हनुमान जी का प्रकोप काशी विद्वत परिषद के प्रभारी काष्र्णि नागेन्द्र महाराज ने कहा कि उम्मीद थी कि सत्ता में आने के बाद भाजपा राम मंदिर का निर्माण करेगी लेकिन ऐसा तो हुआ नहीं उल्टा ये लोग अब हनुमान की जाति बता रहे हैं। जो बयानबाजी चल रही है वह गलत है और इसका नकारात्मक असर पड़ेगा। दलित कहने पर प्रत्यक्ष परिणाम भाजपा को मिल भी चुका है और 2019 चुनाव में भी हनुमान के कोप का भाजन भाजपा को बनना पड़ सकता है।
महंत सुंदरदास महाराज ने कहा कि राजनीति से भगवान का कोई लेना-देना नहीं है और जो लोग हाल-फिलहाल भगवान हनुमान की जाति को लेकर बयान दे रहे हैं यह बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर पर तो राजनीति हो रही थी लेकिन अब हनुमान जी को राजनीति में खींचकर भाजपा नेता गलत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बना तो शायद एक बार हनुमान के गुस्से से भाजपा बच जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो रुठे हनुमान को मनाना मुश्किल होगा। हनुमान रुठे तो निश्चित तौर पर भाजपा को 2019 चुनाव में नुकसान होगा।