भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री सम्मान दिए थे। संत रमेश बाबा समारोह में नहीं जा सके। इस कारण उन्हें बरसाना स्थित उनके आश्रम रास मण्डप पर ही पद्मश्री सम्मान भेंट किया गया । सम्मान जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्र व ब्रज विकास तीर्थ परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र रिटायर्ड आईपीएस द्वारा दिया गया। इसमें पद्मश्री के अंतर्गत अन्तर्गत एक प्रमाणपत्र, बैज तथा पटुका पहना कर सम्मानित किया।
इस अवसर रमेश बाबा ने कहा कि उन्हें ब्रज में आये 66 वर्ष हो गये हैं। इससे पूर्व यमुना शुद्धिकरण, गौसेवा सहित कई कार्यों के लिए मुहिम शुरू की थी। आज माताजी गौशाला में 60 हजार गायें हैं जो भारतीय मूल की सबसे बड़ी गौशाला है, जिसमें उनके पालन पोषण से लेकर रहन सहन की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि गौसेवा हमारी आयु बढ़ाती है। अभी 15-20 करोड़ लागत से गायों का अस्पताल बनाया जा रहा है। इस अवसर पर संत रमेश बाबा ने कहा कि उन्हें किसी सम्मान की आवश्यकता नहीं है। काम ही सबसे बड़ा सम्मान है।
विदेशी मूल की सुदेवी दासी को भी पद्मश्री
उधर जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने कहा कि ब्रज क्षेत्र में गौसेवा के लिए विषिष्ट रूप से सम्मान दिया गया, जिसे भेंट करने के लिए मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त गौ सेवा के लिए राधाकुण्ड में सुरभि गौशाला के माध्यम से बीमार गायों का बिना किसी सरकारी मदद के सेवा करने वाली विदेशी मूल की सुदेवी दासी को भी पद्मश्री प्रदान किया गया था।