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जर्जर सरकारी आवासों में रहने को मजबूर हैं जनता के रखवाले, देखें वीडियो

locationमथुराPublished: Nov 28, 2017 08:35:13 pm

यूं तो विकास के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं आ रही हैं, लेकिन वृंदावन कोतवाली के जर्जर भवन में रह रहे पुलिसकर्मियों की जान की फ़िक्र किसी को नहीं है।

poor condition of police quarters

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मथुरा। यूपी पुलिस के जवान दिन-रात जनता की सुरक्षा में तैनात रहते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा भगवान भरोसे है। मथुरा के वृंदावन कोतवाली में जर्जर हो चुके सरकारी आवासों में पुलिसकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं। इसकी वजह यह है कि कोतवाली परिसर में पुलिसकर्मियों के रहने के लिए कोई और आवास नहीं हैं।
जान जोखिम में डालकर रहते हैं पुलिसकर्मी
मथुरा जिले में यूं तो विकास के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं आ रही हैं, लेकिन वृंदावन कोतवाली के जर्जर भवन में रह रहे पुलिसकर्मियों की जान की फ़िक्र किसी को नहीं है। हादसे को न्यौता दे रहे इन आवासों में मजबूरी के चलते कई पुलिसकर्मी रह रहे हैं। वर्षों पहले बने आवास आज पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। कोतवाली के भवन रजिस्टर में इनको करीब चार वर्ष पूर्व निष्प्रयोज्य दर्ज कर दिया गया है, लेकिन आज तक ना तो इन आवासों को हटाया गया है और ना ही कोई नवनिर्माण यहां शुरू हुआ है। लिहाजा सर्दी हो या बरसात या फिर आंधी का मौसम, हर स्थिति में वृंदावन कोतवाली में तैनात कई पुलिसकर्मी यहां रहना पड़ रहा है।
पुलिसकर्मी बोले- क्या करें, कहां जाएं
जर्जर आवास में रहने वाले हेड कॉन्स्टेबल राजेंद्र सिंह ने कहा कि क्या करें, कहां जाएं रहने के लिए जगह ही नहीं है। इन आवासों में कुछ कर्मचारी रहते हैं। जबकि आवास पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। भवन बनने के लिए योजना आई है। पिछले वर्ष से योजना की प्रक्रिया चल रही है। हादसों को दावते दे रही इन आवासों पर सिर्फ राजेंद्र सिंह से ही नहीं बल्कि कई पुलिसकर्मी रहते हैं। रहने के लिए और आवास नहीं तो सभी अपनी जान जोखिम में डाल कर यहां रहते हैं।
पांच सदस्यीय कमेटी गठित
इस संबंध में एसएसपी स्वप्निल ममगई का कहना है कि अभी अभी विभाग माध्यम से इसकी जानकारी हुई है। इसके लिए तीन महीने पहले ही एसपी सुरक्षा सिद्धार्थ वर्मा की अध्यक्षता पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दी गई है। जो 15 दिन में हमें रिपोर्ट देगी। हम लोग पूरा प्रयास करेंगे। जितना भी बजट शासन से हमारे पास उपलब्ध है उसमें इन आवासों की मरम्मत या नए भवनों निर्माण कराया जाएगा।
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