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Holi 2021: ब्रज में भगवान रमण बिहारी ने भक्तों संग खेली फूलों और लड्डू की होली, देशभर से पहुंचे श्रद्धालु उल्लेखनीय है कि हर साल होली पर बरसाना में होने वाली लट्ठमार होली (Lathmar Holi) का नंदगांव और बरसाना के साथ देशभर के लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस पर्व को मनाने के लिए महीनेभर पहले से ही हुरियारिनें और हुरियारे अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर देते हैं। एक महीने पहले ही जहां हुरियारिने दूध, घी, मेवे और फल आदि खाकर सेहत बनाना शुरू करती हैं तो वहीं हुरियारे भी अपनी परंपरागत पोशाक और ढालों को दुरुस्त करना शुरू कर देते हैं। फिलहाल बरसाना की हुरियारिनें होली के गीत गाकर अपनी-अपनी लाठियों को तेल पिला रही हैं। इसके साथ ही अपनी-अपनी पारंपरिक पोशाक को तैयार करने में भी जुटी हैं।
पारंपरिक परिधानों में नजर आएंगी हुरियारिनें लट्ठमार होली खेलने की तैयारी में व्यस्त सीमा और संगीता ने बताया कि ज्यादातर महिलाएं होली पर पारंपरिक परिधान लंहगा-ओढ़नी ही पहनती हैं। इसलिए वह भी सालभर की प्रतीक्षा के बाद अब अपने लहंगा-ओढ़नी की ड्राइक्लीन करा रही हैं। ज्ञात हो कि सालभर घरों में सामान्य तरीके से रहने वाली बरसाना की गोपियों (हुरियारिन) में होली के दौरान असाधारण और आलौकिक तेज देखने को मिलता है। होली पर जब ये अपने कोमल हाथों में तेल से चमचमाती लाठी के साथ सोलह श्रृंगार कर लट्ठमार होली खेलती हैं तो नजारा देखते ही बनता है।
नए हुरियारे सीख रहे हुरियारिनों के लट्ठ से बचने के गुर वहीं, हुरियारिनों के साथ ही नंदगांव के हुरियारे भी होली पर लट्ठमार होली खेलने के लिए अपनी-अपनी तैयारियों में व्यस्त हैं। नंदगांव के हुरियारे लाठियों की मार को सहने के लिए अपनी-अपनी ढालों को तैयार करने में जुटे हुए हैं। वहीं, पुराने हुरियारे पहली बार लट्ठमार होली खेलने वाले नए हुरियारों को सिर पर साफा आदि बांधना सिखा रहे हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि बरसाना की हुरियारिनों के लट्ठ से कैसे बचना है।