मंगलवार की शाम जब पत्रिका टीम अमर कॉलोनी पहुंची तो मृतक राखी के घर के बाहर का पूरा माहौल गमगीन दिखा। जमीन पर दरी बिछाकर कुछ लोग बैठे थे। 55 वर्षीय रंगा जो राखी को जानते और उसके माता पिता के करीबी भी है। उन्होंने पत्रिका टीम को कुछ बातें बताई। साहब, मामला इतना बिगड़ा नहीं है जितना पुलिस वाले और लोग दिखा रहे हैं। रंगा ने बताया की बनवारी लाल और उसकी पत्नी दोनों बहुत ही अच्छे और सरल स्वभाव के इंसान थे। उनका किसी से कोई झगड़ा भी नहीं हुआ था। पता नहीं कैसे घर में घुसकर उनकी हत्या हो गई। वहीं बगल में बैठे श्रीनेम सिंह और रामवीर सिंह ने भी इसी बात को दोहराई।
माता पिता के बाद बहन को खो देने वाले राहुल और दीपा पूरी तरह से सदमे में हैं। उन्हे अब कुछ अच्छा नहीं लग रहा। दोनों से जब बात की गई तो कक्षा दसवीं का छात्र राहुल सही से बोल भी नहीं पा रहा था। जा पहले कॉलोनी में खूब खेलता और बोलता था। वहीं बगल में बैठी उसकी छोटी बहन दीपा ने कई बार पूछने के बाद भी कुछ नहीं बोली। राहुल ने बहुत धीरे से यह बात जरुर कही की अगर हत्या का खुलासा नहीं हुआ तो हम लोग भी आत्महत्या कर लेंगे।
राहुल ने बताया कि माता पिता के रहने से उसका जीवन बहुत ही सुखमय था। उनके जाने के बाद बहन राखी ने उनकी देखभाल की। अब बहन भी चली गई है तो किसके सहारे हम रहें। उन्हें सबसे डर लगने लगा है। जितने लोग वहां राहुल के घर पर मिले सभी डरे डरे से दिखे। कोई कुछ कहने के लिए तैयार नहीं था।
राहुल और दीपा की सुरक्षा में मथुरा एसएसपी स्वप्निल मंमगाई ने एक दारोगा और महिला समेत तीन सिपाहियों की तैनाती की है। जहां घर में कभी माता पिता और बहन का राहुल आंखों का तारा होता था आज वहीं पुलिस के साये में है। राहुल और दीपा बहुत ही डरे हुए दिखे। उन्हें अब घूमने टहले की जगह डर दिख रहा है।