यह भी पढ़ें— कुंभ 2021: शाही स्नान को उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब वृंदावन में आयोजित किए जा रहे कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक के पहले शाही स्नान को संपन्न करा दिया गया हो लेकिन साधु संत शाही स्नान से ना खुश नजर आ रहे हैं। संतो के नाखुश होने की वजह है यमुना में जलस्तर कम होना और दूषित यमुना जल घाटों पर मिलना। शाही घाट पर हजारों की संख्या में साधु संतों ने स्नान तो किया लेकिन साधु संत जिला प्रशासन और योगी सरकार के द्वारा की गई व्यवस्थाओं से खुश नजर नहीं आ रहा है। तीनों अनी अखाड़ों के संत यमुना में छोड़े गए जल से दुखी है। तीनों अखाड़ों के महा महंतों ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को एक तरफ जमकर कोसा तो वहीं दूसरी तरफ सरकार को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। संतो के लिए सरकार जब व्यवस्थाएं नहीं करा सकती तो सरकार को इतना आडंबर रखने से क्या फायदा। दूषित जल में स्नान किया है और अपनी जो मर्यादा होती है उसका हमने निर्वहन किया है यमुना महारानी अपनी दूषित व्यथा को संवारने के लिए नौ नौ आंसू रो रही हैं लेकिन नौकरशाही और सरकार के द्वारा जो कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक मेला में व्यवस्थाएं की गई है वह बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं दिखती। संतो ने कहा कि समुचित जल की व्यवस्था नहीं होती है तो हम आने वाले दूसरे शाही स्नान को यमुना की रेती से करेंगे। अनी अखाड़े के महा महंत धर्मदास ने कहा कि सरकार विफल रही व्यवस्था कराने में। यमुना का जल अगर निर्मल और साफ स्वच्छ नहीं दे सकते।