इसी नई व्यवस्था के तहत बबीता पुत्री धर्मपाल निवासी प्रीति विहार कॉलोनी राया रोड लक्ष्मीनगर लोहवन को पंजीकृत डाक द्वारा पत्र भेजकर सिंडिकेट बैंक मेन ब्रांच मथुरा की ओर से लाभार्थी छात्रा को पत्र भेजा गया। जानना चाहा कि वह इस विद्यालय की छात्रा है अथवा नहीं। बैंक की ओर से छात्रा को अवगत कराया गया कि आपका बचत खाता 85022180005988 चंदनवन इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन प्रधानाचार्य द्वारा खुलवाया गया है। छात्रा के फोटो और आधार कार्ड भी विद्यालय के द्वारा खाता खोलने के फार्म पर प्रमाणित किये गये हैं। बैंक ने छात्रा से पूछा कि आप इस बात की पुष्टि करें कि खाता आपकी सहमति से खोला गया है अथवा नहीं। बैंक ने यह भी पूछा है कि आप इस शिक्षण संस्थान की छात्रा हैं अथवा नहीं। अगर कुछ भी गलत लगता है तो पत्र और अपने मूल आधार कार्ड के साथ बैंक शाखा प्रबंधक से तत्काल संपर्क करें। 15 दिन के अंदर अगर आप बैंक शाखा में संपर्क नहीं करते हैं तो बैंक यह मान लेगा कि आपकी सहमति से खाता खोला गया है। छात्रा बबीता का कहना है कि वह कभी भी चंदनवन इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन की छात्रा नहीं रही है। कभी उन्होंने इस संस्थान के लिए आवेदन किया है। बैंक से पत्र मिलने के बाद उन्होंने अपनी शिकायत बैंक प्रबंधक से कर दी है।
जनपद में हुए करोडों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच लंबित है। इसमें कई बडी शिक्षण संस्थाओं के साथ ही अधिकारियों की भी गर्दन फंसी हुई है। शिक्षण संस्थाओं द्वारा छात्रवृत्ति हड़पने के लगातार सामने आ रहे मामलों के बाद बैंकों ने भी अपनी तरफ कई कदम उठाये हैं।