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श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के सचिव गोपोश्वरदास गोस्वामी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में वन, श्रीयमुना जी, श्री गिरिराज जी, पवित्र ब्ररज के दर्शन बड़े ही सहजता से होते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने पर्यावरण एवं वन की रक्षा के लिए अनेकानेक लीलायें कर, स्पष्ट संदेश दिया कि पर्यावरण सुरक्षित है, तभी तक यह जीवन सुरक्षित है। श्रुतियों, स्मृतियों एवं शास्त्रों में जहां आध्यात्मिक पक्ष का विस्तार से उल्लेख मिला है, वहीं पर्यावरण की रक्षा के लिए भी उतना ही ध्यान दिया गया है, जो धर्म एवं पर्यावरण के लिए हितकर है, उसे दैवीय प्रवृत्ति मानते हैं, जो धर्म एवं पर्यावरण के प्रतिकूल है, उसे आसुरी प्रवृत्तियों की संज्ञा दी है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के सचिव गोपोश्वरदास गोस्वामी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में वन, श्रीयमुना जी, श्री गिरिराज जी, पवित्र ब्ररज के दर्शन बड़े ही सहजता से होते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने पर्यावरण एवं वन की रक्षा के लिए अनेकानेक लीलायें कर, स्पष्ट संदेश दिया कि पर्यावरण सुरक्षित है, तभी तक यह जीवन सुरक्षित है। श्रुतियों, स्मृतियों एवं शास्त्रों में जहां आध्यात्मिक पक्ष का विस्तार से उल्लेख मिला है, वहीं पर्यावरण की रक्षा के लिए भी उतना ही ध्यान दिया गया है, जो धर्म एवं पर्यावरण के लिए हितकर है, उसे दैवीय प्रवृत्ति मानते हैं, जो धर्म एवं पर्यावरण के प्रतिकूल है, उसे आसुरी प्रवृत्तियों की संज्ञा दी है।
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मानव सभ्यता की प्रकृति के उपर अटूट निर्भरता है। पर्यावरण हांनि होगी, तो हमारी सभ्यता खतरे में पड़ेगी। आज संपूर्ण विश्व पर्यावरण के प्रति मानव समाज की लापरवाही से अनेकानेक प्राकृतिक आपदाओं को झेल रहा है, जिसके चलते निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि से पर्यावरण की रक्षा के लिए आग्रह, एक संकल्प के रूप में प्रचारित एवं प्रसारित किया जायेगा। पर्यावरण रक्षा के लिए संकल्प दिलाया जायेगा।
मानव सभ्यता की प्रकृति के उपर अटूट निर्भरता है। पर्यावरण हांनि होगी, तो हमारी सभ्यता खतरे में पड़ेगी। आज संपूर्ण विश्व पर्यावरण के प्रति मानव समाज की लापरवाही से अनेकानेक प्राकृतिक आपदाओं को झेल रहा है, जिसके चलते निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि से पर्यावरण की रक्षा के लिए आग्रह, एक संकल्प के रूप में प्रचारित एवं प्रसारित किया जायेगा। पर्यावरण रक्षा के लिए संकल्प दिलाया जायेगा।
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