ये है मामला
जानकारी के मुताबिक छाता तहसील क्षेत्र के गांव पिसावा निवासी भूपसिंह सोमवार तड़के अपने खेत पर चले गए। बताया गया है कि भूपसिंह की 7 वर्षीय बेटी देवकी स्कूल जाने से पहले अपने पिता को खाना देने के लिए खेत पर जा रही थी कि रास्ते में उसे खूंखार कुत्तों ने घेर लिया। देवकी ने कुत्तों के झुंड से बचने का प्रयास भी किया लेकिन वह खुद का बचा नहीं पाई। कुत्तों ने नोंच-नोंच कर मासूम को मार डाला और खा गए।
जानकारी के मुताबिक छाता तहसील क्षेत्र के गांव पिसावा निवासी भूपसिंह सोमवार तड़के अपने खेत पर चले गए। बताया गया है कि भूपसिंह की 7 वर्षीय बेटी देवकी स्कूल जाने से पहले अपने पिता को खाना देने के लिए खेत पर जा रही थी कि रास्ते में उसे खूंखार कुत्तों ने घेर लिया। देवकी ने कुत्तों के झुंड से बचने का प्रयास भी किया लेकिन वह खुद का बचा नहीं पाई। कुत्तों ने नोंच-नोंच कर मासूम को मार डाला और खा गए।
काफी देर होने पर जब जब बच्ची खेत पर नहीं पहुंची और वापस घर भी नहीं लौटी तो परिजनों को चिंता हुई। गांव में खोजबीन के दौरान ग्रामीणों ने नजर कुत्तों के झुंड पर पड़ी। पास जाकर देखा बुरी तरह से क्षत-विक्षत बच्ची का शव पड़ा हुआ था। ग्रामीणों ने कुत्तों को भगा बच्ची के शव को कब्जे में लिया। परिजनों ने कपड़ों को देख मासूम की शिनाख्त देवकी के रूप में की। इसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया।
पहले गाय-भैंस का बच्चा खाता थे
गांव के ही सूरजपाल ने बताया कि घटना की सूचना पुलिस प्रशासन को दी गई थी, लेकिन घटना के दूसरे दिन भी गांव में कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है। उन्होंने बताया कि आवारा कुत्तों का आतंक गांव में बढ़ता ही जा रहा है। पहले ये गाय-भैंस के छोटे बच्चों को अपना निवाला बनाते थे और अब इस बच्ची को नोंच-नोंच कर खा गए।
गांव के ही सूरजपाल ने बताया कि घटना की सूचना पुलिस प्रशासन को दी गई थी, लेकिन घटना के दूसरे दिन भी गांव में कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है। उन्होंने बताया कि आवारा कुत्तों का आतंक गांव में बढ़ता ही जा रहा है। पहले ये गाय-भैंस के छोटे बच्चों को अपना निवाला बनाते थे और अब इस बच्ची को नोंच-नोंच कर खा गए।