दरअसल मामला पालीखेड़ा सौंख रोड स्थित कृष्ण मोहन मेडिकल कालेज से जुड़ा हुआ है। इसी मेडिकल कालेज के करीब 2 दर्जन छात्र-छात्राओं के परिजन सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पहुंचे और मेडिकल कालेज प्रबंधन पर मनमानी करते हुए छात्र-छात्राओं को प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया। जोधपुर राजस्थान से आए रूपाराम ने बताया कि यहां जितने भी पेरेंट्स आए हैं उनके बच्चों का नीट परीक्षा पास करने के बाद यूपी सरकार की काउंसलिंग कर द्वारा एमबीबीएस कोर्स के लिए सलेक्शन मथुरा स्थित कृष्ण मोहन मेडिकल कालेज में एडमिशन हुआ है। उन्होंने कालेज प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि एडमिशन के वक्त सरकार द्वारा तय फीस से करीब सवा तीन लाख रुपए की रकम अतिरिक्त बसूली गई। उन्होंने बताया कि इसे लेकर उच्चस्तर पर शिकायत भी की गई और निर्धारित शुल्क से ज्यादा बसूली गई रकम की जब मेडिकल कालेज प्रबंधन से मांग की गई तो कुछ पेरेंट्स को रकम वापस भी कर दी लेकिन जिनकी पैसे वापस किए उन छात्र छात्राओं को परेशान किया जाने लगा। आरोप है कि उन छात्र-छात्राओं को सुविधा देने के बजाय कालेज के पीछे खुले खेतों में बन रहे निर्माणाधीन हॉस्टल में जबरन शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा को लेकर भी इस निर्माणाधीन हॉस्टल में कोई व्यवस्था नहीं है यहां तक कि अभी टॉयलेट्स भी बनकर तैयार नहीं हुए और जबरदस्ती उन्हें यहां शिफ्ट किया जा रहा है।
वहीं बनारस से आए संतोष भारद्वाज ने बताया कि उनकी बेटी इसी मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की प्रथम वर्ष की छात्रा है। उन्होंने बताया कि डीजीएमई की गाइडलाइंस के अनुसार पूरी फीस जमा की गई लेकिन कालेज मैनेजमेंट द्वारा अतिरिक्त रकम की मांग की गई जिसे दे पाने में असमर्थता जताई तो हमारे बच्चों को निर्माणाधीन हॉस्टल में शिफ्ट किया जा रहा है। मेडिकल कालेज प्रबंधन पर छात्र-छात्राओं को प्रताड़ित करने के साथ ही परीक्षा में फेल करने तक की धमकी दी जा रही है । इसी मामले को लेकर आज सभी पेरेंट्स आज डीएम से मामले की शिकायत करने आए हैं। वहीं जिलाधिकारी को अनुपस्थिति में कार्यवाहक एसडीएम अजय कुमार को ज्ञापन सौंप न्याय की गुहार लगाई हैं।