ये है पूरा मामला
गोवर्धन में एनजीटी ने हाल ही दानघाटी मंदिर के सामने गिरिराज पर्वत आरती स्थल व उसके पूरा खसरा नंबर को निर्माण विहीन करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश का मंदिर सेवायत विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को भी सेवायतों ने एनजीटी के आदेश व याचिकाकर्ता बाबा आनंद गोपाल दास के विरोध में नारेबाजी की थी। सेवायतों का आरोप था कि याचिकाकर्ता एनजीटी को गुमराह कर तलहटी के नागरिकों व यहां की पौराणिकता व आस्था पर कुठाराघात करते हुए अपने अनैतिक हित साध रहा है।
गोवर्धन में एनजीटी ने हाल ही दानघाटी मंदिर के सामने गिरिराज पर्वत आरती स्थल व उसके पूरा खसरा नंबर को निर्माण विहीन करने के आदेश दिए हैं। इस आदेश का मंदिर सेवायत विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को भी सेवायतों ने एनजीटी के आदेश व याचिकाकर्ता बाबा आनंद गोपाल दास के विरोध में नारेबाजी की थी। सेवायतों का आरोप था कि याचिकाकर्ता एनजीटी को गुमराह कर तलहटी के नागरिकों व यहां की पौराणिकता व आस्था पर कुठाराघात करते हुए अपने अनैतिक हित साध रहा है।
एसडीएम के नेतृत्व में हुई कार्रवाई
एनजीटी के आदेश के अनुपालन में बुधवार को जब जिला प्रशासन ने आरती स्थल के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए पहुंचा तो मंदिर सेवायतों में काफी आक्रोश था। पुजारियों ने विरोध की रणनीति भी बनाई लेकिन प्रशासन के आगे सफल नही हो पायी और देखते देखते आरती स्थल के द्वार, पानी की टंकी, होम्योपैथिक चिकित्साघर के साथ साथ उसके आगे की करीब आधा दर्जन दुकानों को जेसीबी और भारी पुलिस फ़ोर्स लगाकर तोड़ दिया। पूरी कार्रवाई का निर्देशन एसडीएम गोवर्धन नागेन्द्र सिंह ने किया। तनाव देखते हुए कार्रवाई के दौरान कई थानों की पुलिस को बुलाया गया। कार्रवाई के दौरान आक्रोशित होकर मंदिर सेवायतों ने गोवर्धन के तीन प्रमुख मंदिरों के पट अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए।
एनजीटी के आदेश के अनुपालन में बुधवार को जब जिला प्रशासन ने आरती स्थल के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए पहुंचा तो मंदिर सेवायतों में काफी आक्रोश था। पुजारियों ने विरोध की रणनीति भी बनाई लेकिन प्रशासन के आगे सफल नही हो पायी और देखते देखते आरती स्थल के द्वार, पानी की टंकी, होम्योपैथिक चिकित्साघर के साथ साथ उसके आगे की करीब आधा दर्जन दुकानों को जेसीबी और भारी पुलिस फ़ोर्स लगाकर तोड़ दिया। पूरी कार्रवाई का निर्देशन एसडीएम गोवर्धन नागेन्द्र सिंह ने किया। तनाव देखते हुए कार्रवाई के दौरान कई थानों की पुलिस को बुलाया गया। कार्रवाई के दौरान आक्रोशित होकर मंदिर सेवायतों ने गोवर्धन के तीन प्रमुख मंदिरों के पट अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए।