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मथुरा

महात्मा गांधी को 100 साल पहले पलवल से गिरफ्तार करके लाया गया था मथुरा, देखें वीडियो

रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनी लगाकर किया गया जागरूक

मथुराApr 09, 2019 / 05:31 pm

suchita mishra

मथुरा। स्वतंत्रता आन्दोलनों के इतिहास के पन्नों पर ये शौर्य गाथाएं आज भी जीवंत हैं। स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में मथुरा की भी अहम भूमिका रही है। जंग-ए-आजादी के दौरान मथुरा ही वह स्थान हैं जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पुलिस बैरक में एक रात गुजारी थी। इस बात को आज सौ साल पूरे हो गए।
1919 की बात
बात घटना उन दिनों की है जब देशभर में क्रांतिकारियों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए और राष्ट्रीय भावना को कुचलने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा फरवरी 1919 में आतंकवादी अपराध अधिनियम लागू किया था। ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाए गए इस कानून को काला कानून कहा जाने लगा। 9 अप्रैल, 1919 मुंबई से अमृतसर के लिए महात्मा गांधी रवाना हुए। जैसे ही वह आज ही के दिन पलवल स्टेशन पर पहुंचे तो उनको एंग्लो इंडिया स्टेशन मास्टर ने फरमान दिखाते हुए पलवल से गिरफ्तार कर लिया। उन्हें उसी दिन गिरफ्तार कर मथुरा लाया गया।
प्लेटफार्म पर प्रदर्शनी लगाई गई
मथुरा स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर गांधी जी के जीवन से जुड़ी यादों की एक प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें यहां आने वाले यात्रियों को गांधी जी के जीवन से अवगत कराया। गांधी जी से जुड़ी कई अहम बातों की जानकारी देते डॉ. सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि आज गांधी जी की गिरफ्तारी को 100 साल हो चुके हैं। आज ही के दिन पलवल से गांधी जी को गिरफ्तार करके यहां लाया गया था । लोगों के अंदर जागरूकता की कमी है और जागरूक करने के लिए लोगों को हम लोगों ने यह स्टॉल यहां लगाई है।
5000 लोग आ गए थे

मथुरा रेलवे स्टेशन पर गांधी जी को लेकर आने की खबर जैसे ही मिली तो 5000 लोग उनके दीदार को एकत्रित हो गए। कुछ लोगों को स्टेशन का टिकट दिया गया और कुछ लोगों को स्टेशन का टिकट नहीं दिया गया। बड़ी संख्या में एक जगह लोग एकत्रित होने से उपद्रव होने की अंदेशा हो गया। इश कारण जल्दी ही गांधी जी को मुंबई के लिए रवाना कर दिया गया।
बोगी छोड़ एक मील आगे चली गई थी ट्रेन
डॉक्टर सुरेश चंद्र का कहना है कि जब गांधी जी को मथुरा लाया गया था और उसके अगले दिन 10 अप्रैल 1919 मुंबई के लिए वापस भेजा जा रहा था, गाड़ी की एक बोगी स्टेशन पर ही छूट गई थी और ट्रेन 1 मील आगे चली गई थी। बाद में बोगी को ट्रेन में जोड़ा गया।

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