नोटबंदी के नकारात्मक प्रभाव बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देशभर से आए पदाधिकारियों से चर्चा की और भारतीय जनता पार्टी की 2019 में वापसी के लिए व्यापारी वर्ग को अपने साथ रखने के लिए कहा गया है। पूरे देश में फैले आरएसएस के 35 अनुसांगिक संगठनों ने बैठक में विकास दर को बढ़ाने के साथ-साथ आर्थिक सुधार के लिए भी केंद्र सरकार से सकारात्मक और उचित कदम उठाने की बात कही है। सूत्रों की मानें तो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने स्पष्ट किया है कि पूर्व में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार से जो गलतियां हुईं उन गलतियों से सबक लिया जाए। आरएसएस ने उदाहरण दिया कि यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री रहे डॉक्टर मनमोहन सिंह आर्थिक मामलों के ज्ञाता माने जाते थे लेकिन गलतियों की वजह से देश की जनता ने उन्हें नकार दिया। संघ की तरफ से कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है लेकिन सूत्रों की मानें तो भ्रष्टाचार और कालेधन की समस्या से निपटने के लिए नोटबंदी की गई और जीएसटी को लाया गया, संघ की निगाह में इसके काफी हद तक नकारात्मक प्रभाव देखने को मिले हैं।
योगी को संघ की नसीहत संघ की तीन दिवसीय बैठक के दूसरे दिन पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उप मुख्यमंत्री की भी संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ-साथ अन्य संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात हुई। यह मुलाकात तकरीबन तीन घंटे चली। इस दौरान संघ ने प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था को सुधारने की नसीहत दी। साथ ही प्रदेश में हिंदू-मुस्लिम एकता को बनाए रखने की भी हिदायत दी गई है। उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया कि प्रदेश में जो भी सामाजिक परिस्थितियां बदल रही हैं उनको ठीक कराने के लिए पूरी तरह से और निष्पक्ष होकर काम करेंगे।
ये रहे मौजूद दूसरे दिन की बैठक में भाग लेने के लिए सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, डॉ. कृष्ण गोपाल, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य, प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर, क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदमजी, विहिप के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष डा. प्रवीणभाई तोगड़िया, महामंत्री दिनेशजी, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल, राम माधव, जीएलए कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल, केशवधाम के निदेशक ललित आदि उपस्थित रहे।