शनि अमावस्या पर कुंभ पूर्व बैष्णव बैठक का तीसरा शाही स्नान सकुशलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। कुंभ मेला प्रांगण से हज़ारों की संख्या में साधू-संतों एकत्रित होकर वृन्दावन नगर भ्रमण के लिए ऊँट और घोड़ों के साथ अपने वाहनों से निकले। वही संत नगर में कीर्तन करते हुए वृन्दावन कोतवाली से होते हुए भगवान बाँके बिहारी मंदिर के रास्ते से होते हुए यमुना किनारे लगे कुंभ मेला में शाही सवारी पहुँची। यमुना किनारे बने शाही घाट पर गाजे बाजे के साथ श्रीमहंत और साधू-संत पहुँचे। नगर भ्रमण में सभी साधु संत अपने करतब दिखाते हुए लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते नजर आए। संतों की पेशवाई मैं जिला प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। नगर भ्रमण में संतो के मार्ग में कोई भी व्यवधान पैदा ना हो इसके लिए यातायात व्यवस्था भी परिवर्तित की गई है। बता दें कि सबसे पहले तीनों अनी अखाड़ों के श्रीमंहतों ने यमुना महारानी में स्नान किया। तीनों श्रीमंहन्तों के बाद सभी संतों ने आस्था की डुबकी लागई।