मौसम विभाग पहले ही उत्तर भारत में आंधी और बारिश का अलर्ट जारी कर चुका था। इस सबके बावजूद किसानों को खेत से अपनी फसल को उठाने का मौका नहीं मिला। मंगलवार को आंधी के साथ हल्की बारिश और उसके बाद बुधवार की शाम हुई तेज बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। जनपद के कुछ हिस्सों में कम बारिश हुई तो किसानों को थोड़ा उम्मीद है, लेकिन जहां बारिश तेज हुई और खेतों में पानी भर गया वहां किसानों को अधिक नुकसान होने का अनुमान है। मौसम की इस मार से भावुक किसान अपनी किस्मत को कोसते हुए कह रहे हैं कि पहले बेसहारा पशुओं से फसल को बचाने के लिए रात-रात भर जागकर रखवाली की और अब बदले मौसम ने उपज को बर्बाद कर दिया है।
किसानों की जुबानी
सलेमपुर गांव निवासी किसान धर्मवीर ने बताया कि बुधवार की शाम हुई तेज बारिश के कारण उनके खेतों में पानी भर गया है, जिससे खेत में पड़ी गेहूं की फसल पूरी तरह भीग गई है, जिसे सुखाने की कोशिश कर रहे हैं। किसान विशम्भर सिंह ने बताया कि पहले रातभर पहरेदारी कर बेसहारा जानवरों से फसल की रखवाली की और अब रही बची कसर बारिश ने पूरी कर दी। खेतों में कटी पड़ी फसल पूरी तरह पानी में डूब गई, जिसे अब सुखाने का प्रयास कर रहे हैं। बारिश की वजह से 50-60 फीसदी नुकसान किसानों को होगा। इसके साथ ही भूसा भी खराब हो जाएगा।
सलेमपुर गांव निवासी किसान धर्मवीर ने बताया कि बुधवार की शाम हुई तेज बारिश के कारण उनके खेतों में पानी भर गया है, जिससे खेत में पड़ी गेहूं की फसल पूरी तरह भीग गई है, जिसे सुखाने की कोशिश कर रहे हैं। किसान विशम्भर सिंह ने बताया कि पहले रातभर पहरेदारी कर बेसहारा जानवरों से फसल की रखवाली की और अब रही बची कसर बारिश ने पूरी कर दी। खेतों में कटी पड़ी फसल पूरी तरह पानी में डूब गई, जिसे अब सुखाने का प्रयास कर रहे हैं। बारिश की वजह से 50-60 फीसदी नुकसान किसानों को होगा। इसके साथ ही भूसा भी खराब हो जाएगा।
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