हिन्दू धर्म की तिथि अनुसार यदि आपको अपने पूर्वज जी मृत्यु की तिथि याद नहीं है तो आप पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानि अमावस्या के दिन उनका श्राद्ध कर सकते है| इस अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है।
प्रस्तुतिः आशीष गोस्वामी
श्री बाँके बिहारी जी मंदिर, श्री धाम वृंदावन (मथुरा)