जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी
जिस भाव से भक्त अपने ठाकुर जी को देखना और उनकी सेवा करना चाहते हैं, ठाकुरजी भी उसी भाव में अपने भक्त को दर्शन देते हैं। यही वजह है कि मथुरा-वृन्दावन में सालभर ठाकुरजी की सेवा का भाव वही है, जो भक्त खुद अपने लिये महसूस करना चाहता है। फिलहाल सर्दियों का मौसम शुरू होते ही भक्त खुद को ठंड से बचाने के लिये गरम कपड़े निकाल लेता है। ठीक सी तरह आस्था और भावना से भक्तों ने अपने घर में विराजमान कृष्ण के बाल रूप लड्डू-गोपाल के लिये ऊनी पोशाकों की खरीददारी शुरु कर दी है। दुकानदार प्रिंस खंडेलवाल का कहना है कि सर्दियों की शुरुआत के साथ ही ऊनी और गर्म पोशाकों डिमांड बढ़ गई है।
जिस भाव से भक्त अपने ठाकुर जी को देखना और उनकी सेवा करना चाहते हैं, ठाकुरजी भी उसी भाव में अपने भक्त को दर्शन देते हैं। यही वजह है कि मथुरा-वृन्दावन में सालभर ठाकुरजी की सेवा का भाव वही है, जो भक्त खुद अपने लिये महसूस करना चाहता है। फिलहाल सर्दियों का मौसम शुरू होते ही भक्त खुद को ठंड से बचाने के लिये गरम कपड़े निकाल लेता है। ठीक सी तरह आस्था और भावना से भक्तों ने अपने घर में विराजमान कृष्ण के बाल रूप लड्डू-गोपाल के लिये ऊनी पोशाकों की खरीददारी शुरु कर दी है। दुकानदार प्रिंस खंडेलवाल का कहना है कि सर्दियों की शुरुआत के साथ ही ऊनी और गर्म पोशाकों डिमांड बढ़ गई है।
ऊनी पोशाकों का बाजार गरम
दुकानदार प्रिंस खंडेलवाल ने बताया कि ठंड के बढ़ते प्रकोप के चलते मथुरा-वृन्दावन के बाजारों में लड्डू-गोपाल की ऊनी पोशाकों का बाजार गरम है। ना सिर्फ बृजवासी बल्कि देश-विदेश से आए भक्तगण भी इन गरम पोशाकों की खरीददारी कर रहे हैं। वैसे तो बाजार में फैदर की पोशाक भी खरीदी जा रही है, लेकिन सबसे अधिक मांग ऊनी पोशाकों की है। इसके साथ लड्डू-गोपाल के लिये रजाई-गद्दे और ऊनी कैप की भी खूब बिक्री हो रही है। बाजार में तरह तरह डिजायन के कंबल, स्वटेर, ऊनी कपड़े बिक रहे हैं।
दुकानदार प्रिंस खंडेलवाल ने बताया कि ठंड के बढ़ते प्रकोप के चलते मथुरा-वृन्दावन के बाजारों में लड्डू-गोपाल की ऊनी पोशाकों का बाजार गरम है। ना सिर्फ बृजवासी बल्कि देश-विदेश से आए भक्तगण भी इन गरम पोशाकों की खरीददारी कर रहे हैं। वैसे तो बाजार में फैदर की पोशाक भी खरीदी जा रही है, लेकिन सबसे अधिक मांग ऊनी पोशाकों की है। इसके साथ लड्डू-गोपाल के लिये रजाई-गद्दे और ऊनी कैप की भी खूब बिक्री हो रही है। बाजार में तरह तरह डिजायन के कंबल, स्वटेर, ऊनी कपड़े बिक रहे हैं।
श्रद्धालु बोले- ठाकुरजी हमारे बच्चे जैसे
दिल्ली स? वृन्दावन ?? घूमने आईं प्रेम ने कहा कि जैसे हमें ठंड लगती है वैसे ही हमारे ठाकुरजी को भी ठंड लगता है। उन्होंने अपने लड्डू गोपाल के लिए श्रृंगार के सामान सहित कई जोड़ी गर्म पोशाक खरीदीं। वहीं लुधियाना की महिला श्रद्धालु ने बताया कि वो यहां ठाकुरजी के लिए गर्म कपड़े खरीदने आई हैं। ठाकुरजी हमारे बच्चे जैसे हैं। हमें भी उनका ख्याल रखना चाहिए।
दिल्ली स? वृन्दावन ?? घूमने आईं प्रेम ने कहा कि जैसे हमें ठंड लगती है वैसे ही हमारे ठाकुरजी को भी ठंड लगता है। उन्होंने अपने लड्डू गोपाल के लिए श्रृंगार के सामान सहित कई जोड़ी गर्म पोशाक खरीदीं। वहीं लुधियाना की महिला श्रद्धालु ने बताया कि वो यहां ठाकुरजी के लिए गर्म कपड़े खरीदने आई हैं। ठाकुरजी हमारे बच्चे जैसे हैं। हमें भी उनका ख्याल रखना चाहिए।