इस मामले में विशेषज्ञों का मानना है कि किडनी फेल्योर की समस्या का एक बड़ा कारण कोल्ड ड्रिंक भी है। कोल्ड ड्रिंक में कई ऐसे हानिकारक रसायन हैं जो हमारी किडनी को हानि पहुंचा सकते हैं। नयति मेडिसिटी में निदेशक एवं विभाग प्रमुख नेफ्रोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट विभाग डॉ. कृष्ण मोहन साहू से जानते हैं किडनी फेल होने के लक्षण, बचाव के तरीके और स्वस्थ किडनी की अहमियत के बारे में।
किडनी फेल होने पर ये लक्षण आते सामने पेशाब की मात्रा में कमी का होना।
बार-बार पेशाब आना।
शरीर में सूजन का होना।
पेशाब में खून आना।
पेशाब में जलन होना।
भूख कम लगना और बार-बार जी मिचलाना।
शरीर में खून की कमी होना।
बार-बार पेशाब आना।
शरीर में सूजन का होना।
पेशाब में खून आना।
पेशाब में जलन होना।
भूख कम लगना और बार-बार जी मिचलाना।
शरीर में खून की कमी होना।
बचाव के लिए ये उपाय जरूरी
नयति मेडिसिटी में निदेशक एवं विभाग प्रमुख नेफ्रोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट विभाग डॉ. कृष्ण मोहन साहू का कहना है कि किसी भी बीमारी के इजाज से बेहतर है कि उस बीमारी के होने से ही बचा जाये। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से फल तथा सब्जियों का उचित मात्रा में सेवन करें। साफ पानी उचित मात्रा में पियें। प्रतिदिन व्यायाम करें। जितना संभव हो पैदल चलें। वजन न बढ़ने दें। दर्द निवारक दवाओं से बचें। प्रोटीन का अधिक सेवन न करें। कोल्डड्रिंक का सेवन न करें। तम्बाकू का किसी भी रूप में (सिगरेट, गुटखा आदि) सेवन न करें। डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से चिकित्सक को दिखाना चाहिए, स्वचिकित्सा नहीं करनी चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि अपना ब्लड शुगर नियंत्रित रखें। ब्लड शुगर की जानकारी के लिए चिकित्सक से मिलकर एचबीए1सी नामक टेस्ट कराना चाहिए, इस टेस्ट द्वारा 3 माह के ब्लड शुगर लेबिल का पता लगाया जा सकता है। ब्लड प्रेशर 130-80 के आसपास होना चाहिए। किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली दवाओं से बचना चाहिए। किडनी सम्बंधी किसी भी समस्या के हो जाने पर किडनी रोग विशेषज्ञ (नेफ्रोलॉजिस्ट) से संपर्क किया जा सकता है।
नयति मेडिसिटी में निदेशक एवं विभाग प्रमुख नेफ्रोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट विभाग डॉ. कृष्ण मोहन साहू का कहना है कि किसी भी बीमारी के इजाज से बेहतर है कि उस बीमारी के होने से ही बचा जाये। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से फल तथा सब्जियों का उचित मात्रा में सेवन करें। साफ पानी उचित मात्रा में पियें। प्रतिदिन व्यायाम करें। जितना संभव हो पैदल चलें। वजन न बढ़ने दें। दर्द निवारक दवाओं से बचें। प्रोटीन का अधिक सेवन न करें। कोल्डड्रिंक का सेवन न करें। तम्बाकू का किसी भी रूप में (सिगरेट, गुटखा आदि) सेवन न करें। डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से चिकित्सक को दिखाना चाहिए, स्वचिकित्सा नहीं करनी चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि अपना ब्लड शुगर नियंत्रित रखें। ब्लड शुगर की जानकारी के लिए चिकित्सक से मिलकर एचबीए1सी नामक टेस्ट कराना चाहिए, इस टेस्ट द्वारा 3 माह के ब्लड शुगर लेबिल का पता लगाया जा सकता है। ब्लड प्रेशर 130-80 के आसपास होना चाहिए। किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली दवाओं से बचना चाहिए। किडनी सम्बंधी किसी भी समस्या के हो जाने पर किडनी रोग विशेषज्ञ (नेफ्रोलॉजिस्ट) से संपर्क किया जा सकता है।
जानिए स्वस्थ किडनी की अहमियत
किडनी शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। अनियमित खानपान और बिगड़ी हुई दिनचर्या के कारण किडनी खराब भी हो सकती हैं। जिसके बाद जीवन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। किडनी खराब होने पर नियमित रूप से डायलिसिस कराने के अलावा किडनी ट्रांसप्लांट तक कराना पड़ जाता है। स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ किडनी और स्वस्थ किडनी के लिए स्वस्थ खानपान अति आवश्यक है।
किडनी शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। अनियमित खानपान और बिगड़ी हुई दिनचर्या के कारण किडनी खराब भी हो सकती हैं। जिसके बाद जीवन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। किडनी खराब होने पर नियमित रूप से डायलिसिस कराने के अलावा किडनी ट्रांसप्लांट तक कराना पड़ जाता है। स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ किडनी और स्वस्थ किडनी के लिए स्वस्थ खानपान अति आवश्यक है।