कोलंबिया निवासी विश्वरूपा दास ने बताया कि ढाई मीटर ऊॅची यमुना की मूर्ति में पॉलीथिन, प्लास्टिक के रैपर और प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल किया गया है।
Yamuna statue
मथुरा । यमुना की सफाई के दौरान निकलने वाले कचरे और प्लास्टिक को रिसाइकल कर यमुना की प्रतीकात्मक प्रतिमा तैयार कर विदेशी भक्तों ने एक नजीर पेश की है। कोलंबिया के रहने वाले कलाकार ने साथी स्वयंसेवकों की मदद से दो सप्ताह की मेहनत के बाद इस अद्भुत प्रतिमा का निर्माण किया है। अपने इस प्रयोग के जरिए विदेशी भक्त लोगों में यमुना की सफाई को लेकर संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही विदेशी भक्तों की टीम बड़े पैमाने पर ऐसे ही मूर्ति बनाकर यमुना के किनारे स्थापित करने की प्लानिंग कर रहे हैं।
विदेशी भक्त ने बनाई प्रतिमा वृंदावन में विदेशी भक्तों द्वारा यमुना से निकले कचरे और प्लास्टिक का प्रयोग कर यमुना महारानी की प्रतीकात्मक प्रतिमा तैयार की है। इसे गारबेज के रिसाइकल का एक बेहतरीन प्रयोग बताया है जिससे यमुना की सफाई को लेकर लोगों में जागरुकता के लिए संदेश देने का काम विदेशी भक्त कर रहे हैं। इमलीतला स्थित यमुना कुंज आश्रम में कचरे और प्लास्टिक के प्रयोग से इस मूर्ति को बनाने वाले कलाकार कोलंबिया निवासी विश्वरूपा दास ने बताया कि आध्यात्मिक गुरु परम अद्वैत स्वामी की प्रेरणा से इस मूर्ति का निर्माण किया है। करीब ढाई मीटर ऊॅची इस मूर्ति में बड़ी मात्रा में पॉलीथिन, प्लास्टिक के रैपर और प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद इसे आकर्षक लुक देने के लिए पेंटिंग भी की गई है। भगवान श्रीकृष्ण की पटरानी यमुना जी की सवारी कछुआ है। इस मूर्ति को कछुआ की कलाकृति के ऊपर ही बनाया गया है।
यमुना को स्वच्छ करने का प्रयास इस मौके पर स्वामी परम अद्वैत ने बताया कि यमुना हमारी मां है और जीवनदायिनी है जो सभी को जीवन देती है लेकिन हम लोग अपनी मां को नष्ट कर रहे हैं। धरमी मां, यमुना मां और ब्रज को प्लास्टिक और कचरे से मुक्त करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि वृंदावन सनातन धर्म की राष्ट्रीय धरोहर है और ब्रज की पूरी दुनिया में मान्यता है। ऐसे में यहां की साफ सफाई और यमुना को स्वच्छ करने का उनका एक प्रयास है।
30 मीटर ऊंची प्रतिमा बनाएंगे उन्होंने बताया कि उनके वॉलंटियर्स द्वारा यमुना व उसके आस-पास सफाई अभियान चलाया जाता है। अब एकत्रित होने वाले इसी कचरे से यमुना के किनारे वे 30 मीटर ऊॅची यमुना की प्रतिमा तैयार करायेंगे, जिससे स्थानीय और बाहर से आने वाले यात्रियों को स्वच्छता के प्रति जागरुक करने के साथ ही इस कचरे के रिसाइकल करने के एक तरीके से रूबरू हो सकें।