दरअसल आंगनवाङी कार्यकत्रीयों ने मांग पूरी नही होने पर भीखारी का रुप धारण कर लिया और भीख मांग कर शासन प्रशासन का ध्यान अपने तरफ आकर्षित किया है। कलेक्ट्रेट परिसर में चारों तरफ घूम घम कर इन्होने सरकार के रवैये पर विरोध जताया। कलेक्ट्रेट में मौजूद लोगों ने कार्यकत्रीयों को भीख के रूप में रुपये देकर अपना अंश दान किया। भीख मांगते समय आंगनबाङीयों ने कहा कि मंहगाई चरम पर हैं और जो मानदेय हमे मिलता हैं उससे हमारे घर का खर्च नही चल पा रहा है। आगनवाङी कार्य़कत्रीयों को उनके काम के अलाव केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में भी काम लिया जाता है और उसका मानदेय भी नही मिलता। इसलिए हमारी मांग हैं कि केन्द्र और प्रदेश की सरकार हमारे मानदेय अट्ठारह हजार रुपये करे। साथ ही हर योजन और मिशन में काम करने पर उसका मानदेय अलग से दिया जाये। साथ ही चेतावनी दिया कि अगर हमारी मांग नहीं पूरी हुई तो हम इस बार दीपावली का पर्व नही मनायेंगे। जिसके बाद कार्यकर्त्रियों ने डीएम कार्य़ालय पर पहुंचकर अपना मांग पत्र डीएम के माध्यम से सीएम को सौंपा। मांगपत्र प्राप्त कर सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि इनकों जो मानदेय मिलता है वह समय से दिया जायेगा और उनकी मांग को शासन के समझ पेश किया गया हैं। वह अब त्योहार मनायेगी की नही ये उनका अपना मामला है। पर यह बात तय है कि सरकार तक इनकी बात पहुंचाई जायेगी। साथ ही यह भी प्रयास किया जायेगा कि इन्हे सरकार की तरफ से मदद दी जाये।