मऊ.2019 के लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी अपने, कभी सहयोगी तो कभी पिछली सरकारों में उठी चिंगारियों की आंच भी भाजपा सरकार को झुलसा रही है। यूपी में अखिलेश यादव राज में उठी चिंगारी तब भले ही ठंडी हो गयी हो पर वही चिंगारी योगी आदित्यनाथ की सरकार में लगातार सुलग रही है और 2019 में भाजपा को झुलसाने को तैयार है।
हम बात कर रहे हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के आंदोलन की। सरकार इसे जितना संभालने की कोशिश कर रही है यह उतना ही उसके हाथ से निकलता जा रहा है। आंगनबाड़ियां अपना मानदेय बढ़ाने की मांग पर पीछे हटने को तैयार नहीं औ सरकार उनकी मांगों कार ध्यान तक नहीं दे रही। योगी सरकार बनने के बाद आजमगढ़ में तो लगातार आंगनबाड़ियों का आंदोलन चल रहा है। आंगनबाड़ी संघ की ओर से इस मुद्दे पर पीछे हटने से इनकार किया जा चुका है। सूबे में पौने चार लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां और सहायकों का वेतन के नाम पर आंदोलन बड़ा हो सकता है। शिक्षामित्रों के मामले के बाद अगर यह आंदोलन भी जोर पकड़ता है तो सरकार के लिये मुसीबत होगी।
आंगनबाड़ी संघ प्रदेश अध्यक्ष गीतांजली मौर्य ने कहा कि हम लोगों ने प्रदेश सरकार से 18 हजार रुपये मानदेय की मांग की है। पर सरकार कितना मानदेय घोषित करती है यह न तो पता चल पाया है ओर न ही तय है। चेतावनी दी कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गयीं तो पूरे प्रदेश में चुनाव का बहिष्कार किय जाएगा।
कंचन राय बनीं मऊ जिलाध्यक्ष आंगनबाड़ी संघ की प्रदेश अध्यख गीतांजली मौर्य ने कंचन राय को संघ की मऊ जिलाध्यक्ष बनाया है। पूर्व जिलाध्यक्ष पूनम यादव पर संघ के विरुद्ध गैरजिम्मेदाराना काम करने का आरोप लगा, जिसके बाद उन्हें हटा दिया गया।