बता दें कि भाकपा के राष्ट्रीय सचिव ने जनपद आगमन पर नगर क्षेत्र के एक प्लाजा में प्रेस वार्ता किया। प्रेस वार्ता के दौंरान पत्रकारों से वार्ता में भाजपा पर निशाना साधाते हुए कहा कि मोदी शब्द का प्रयोग मत कीजिए। किसी मोदी के खिलाफ बोलना नही है। चाहे वह ललित मोदी हो, चाहे वह नीरव मोदी हो। उनके खिलाफ बोलना मतलब आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलना है। श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलना देशद्रोह है। नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलना राष्ट्रवाद के खिलाफ है। एक किसान को कपड़ा खरीदने में परेशानी होती है। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री दिन में इतनी बार कपड़ा पहनते हैं। इतना तो प्रियंका चोपड़ा भी कपड़ा नहीं बदलती हैं।
यह मैं बयान दे रहा हूं। 7 दिन के अंदर 45 जवान हमारे मारे गए। एक अभिमन्यु के लिए उन 45 जवानों का क्रंदन आप ने रोक दिया। 45 लोगों का क्रंदन एक अभिनंदन के आगे खत्म हो गया। अतुल कुमार अंजान (राष्ट्रीय सचिव, भाकपा) ने कहा कि भारत के लाखों करोड़ों लोग एक साथ है और जानना चाहते हैं की सच्चाई क्या है। अमित शाह कह रहे हैं कि हमारी सेना ने बालकोट में ढाई सौ लोगों को समाप्त किया। हमारे गृह मंत्री कह रहे हैं कि 300 मोबाइल वहां पर सक्रिय थे और हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि 400 लोग हताहत हुए हैं।
मैं आदरणीय नरेंद्र मोदी से प्रार्थना करता हूं कि इनके दिग्विजय के जो घोड़े हैं, अलग दिशा में दौड़ रहे हैं। इनको इकट्ठा करें कि कौन सा नंबर बोलना है। दुनिया की बिरादरी में हम एक नंबर बता सके। इसलिए प्रधानमंत्री जी आप खाता बही सही करिए और एक नंबर बताइए। इसके बाद कहा कि पुलवामा के बाद हुए पांच जवानों की शहादत के बाद देश में राष्ट्रीय शोक मनाया जाना चाहिए था। लेकिन प्रधानमंत्री जी को दक्षिण कोरिया में जाकर शांति का पुरस्कार लेना था। सऊदी अरेबिया के क्राउन प्रिंस का सत्कार करना था। इसलिए राष्ट्रीय शोक नहीं मनाया गया। प्रिंस सलमान से ऐसे गले मिल रहे थे, जैसे लग रहा था कि मेले में बिछड़े हुए दो भाई मिल गए है। सांसद महोदय ने 9 सेकंड में सात जूते विधायक जी को जमकर मारे। इतने कम समय में इतने जूते मारने की स्थिति कभी नहीं हुई। लेकिन इसको गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करना चाहिए। अमित शाह जी को गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों से मिलकर संपर्क करना चाहिए बड़े सम्मान देने के लिए।
अतुल कुमार अंजान ने इसके बाद चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि भरतीय चुनाव के इतिहास में यह पहला अवसर होगा। जब चुनाव आयोग आदर्श चुनाव आचार संहिता को लागू करने में पिछड़ गया है। इतना लंबा प्रचार करने का प्रधानमंत्री को पहले किसी चुनाव आयोग ने मौका नहीं दिया, जो इस चुनाव आयोग ने दिया। इसका उत्तर चुनाव आयोग को देना ही होगा।
BY- Vijay Mishra