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यहां हिंदू-मुस्लिम के एकता का मिशाल माना जाता है भरत-मिलाप

locationमऊPublished: Oct 02, 2017 01:26:12 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

भरत मिलाप हिंदू-मुस्लिम के एकता का मिशाल माना जाता है, इसे बेगम जंहाआरा भी इसी मस्जिद में बैठकर देखा करती थी

Bharat milap

भरत मिलाप

मऊ. गंगा जमुनी तहजीब के आधार पर मुग़ल काल से चला आ रहा मऊ का ऐतिहासिक भरत मिलाप रविवार को भारी पुलिस बल की तैनाती में सकुशल संपन्न कराया गया। कार्यक्रम का आयोजन शाही कटरा मस्जिद के मैदान में हुआ। मान्यता है कि यह भरत मिलाप हिंदू-मुस्लिम के एकता का मिशाल माना जाता है। इस भरत मिलाप की खासियत यह है कि इसे बेगम जंहाआरा भी इसी मस्जिद में बैठकर देखा करती थी। सुबह मस्जिद से आने वाली नमाज की आवाज और उसी के बीच श्रीराम का जयघोष दोनों के संगम के बीच होने वाले इस भरत मिलाप की एक अलग ही आलौकिक छटा है। विमान के आगे चलने वाले अखाड़े और नारदी गीत गाते लोगों का झुंड इसकी प्राचीनता को दर्शाता है।

राम चन्द्र जी के भरत से मिलने के पहले उनका शाही विमान तीन बार मस्जिद के गेट को स्पर्श करता है और उसके बाद ही भरत मिलाप होता है। हालांकि मऊ प्रदेश के अति संवेदनशील शहरों की सूचि में शामिल होने के कारण जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित सभी अधिकारी इस मौके पर पूरी रात मुस्तैद दिखे।

मऊ का यह ऐतिहासिक भारत मिलाप काफी प्राचीन है और ताने बाने की इस नगरी मऊ के शाही कटरा मस्जिद के मैदान में होने वाले इस भरत मिलाप को देखने के लिए पूरी रात भारी भीड़ जमा रहती है। सुबह मस्जिद से आने वाली नमाज की आवाज और उसी के बीच श्रीराम का जयघोस दोनों के संगम के बीच होने वाले इस भरत मिलाप की एक अलग ही आलौकिक छटा है। विमान के आगे चलने वाले अखाड़े और नारदी गीत गाते लोंगो का झुण्ड इसकी प्राचीनता को दर्शाता है। पूरी रात हजारों की सख्या में जुटे लोंगो ने इस पुरे भरत मिलाप के मंचन को देखा और सुबह राम और भरत के मिलने के बाद गगन चुम्बी जयकारों के बीच इस कार्यक्रम का समापन हुआ।
इनपुट- मऊ से विजय मिश्रा की रिपोर्ट

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