मंत्रीमंडल के विस्तार के बाद मिर्जापुर (Mirzapur) में बनी खुशी और गम की दोनों तस्वीरें राजनीतिक मिजाज बता रही हैं और इसे राजनीतिक पंडित किसी संकेत के तौर पर भी देख रहे हैं। पहले जहां जिले में सत्ता का केन्द्र भरुहना स्थित अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) का सांसद कार्यालय था वहीं वहीं अब रमाशंकर पटेल के मंत्री बनने के बाद जिले में सत्ता के दो केंद्र हो गये है। पटेल बाहुल्य इस जिले में अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा चुनाव 2014 में पहली बार सांसद बनने के बाद धीरे-धीरे बिरादरी के वोटरों पर अपनी पकड़ मजबूत कर लिया।
अनुप्रिया पटेल ने जिले के आस-पास वाराणसी के कुर्मी बाहुल्य इलाकों में भी अच्छी पकड़ बना ली और पार्टी के विस्तार का काम किया। पटेलों बिरादरी पर अच्छी पकड़ चलते वह दोबारा मिर्जापुर से सांसद चुनी गयीं। यूपी में कुर्मी वोटों की संख्या 6 प्रतिशत के आस-पास बतायी जाती है। इसको देखते हुए अनुप्रिया के बढ़ते कद को कम करने के लिए कुर्मी यानि पटेल बिरादरी से भाजपा ने स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh Patel) को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।
उसके बाद मंत्रीमडल विस्तार में अपना दल एस को झटका देते हुए अपने विधायक रमाशंकर सिंह पटेल (Ramashankar Singh Patel) को मंत्री पद देकर उनका कद बढ़ा दिया। राजनीतिक पंडित कह रहे हैं कि योगी सरकार और भाजपा ने यह कदम उठाकर प्रदेश में नया राजनैतिक संदेश देने की कोशिश की है। भाजपा (BJP) कार्यालय में जश्न का माहौल है और थोड़ी ही दूर अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल के कार्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ है। कुल मिलाकर फिलहाल भाजपा के साथ एनडीए (NDA) गठबंध में शामिल रहने बावजूद प्रदेश में अपना दल (एस) और अनुप्रिया पटेल के लिए यह कठिन समय है।
By Suresh Singh