बता दें कि कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि सिलेंडर धमाके में दो मंजिला इमारत ध्वस्थ हो गयी थी। जिसकों दैवीय आपदा में शामिल किया गया है। इसके तहत प्रत्येक मृतकों को 4 लाख रुपये की सहायता धन राशि दी जाएगी। इसके साथ ही 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक के घायलों को 59100 रुपये की सहायता दी जाएगी। इसके उपर के घायलों को दो लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी। एक सप्ताह से ज्यादा अस्पताल में रुकने वालों को 12 हजार सात सौ रुपये और एक सप्ताह से कम रुकने वालों को चार हजार तीन सौं रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। जो मकान क्षतिग्रस्त हुआ हैं उसके निर्माण के लिए 95100 रुपये दिया जाएगा।
वही घटना गैंस सिलेंडर रिसाव होने के कारण घटित हुई थी। सिलेंडर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कम्पनी का था और एचपीसीएल द्वारा प्रत्येक सिलेंडर का बीमा किया जाता है। जिसके तहत एचपीसीएल के तहत प्रत्येक मृतकों को 6 लाख रुयये की सहायता राशि दी जाएगी। इसके साथ ही घायलों कों 25 हजार से दो लाख रुपये की सहायता प्रदान की जायेगी। मकान क्षतिग्रस्त हुआ हैं उसके निर्माण के लिए दो लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।
इसके अलावा जिलाधिकारी ने बताया कि इस हादसें में 33 लोगों घायल हुए थे। जिसमें 13 लोगों की मौत हो गयी है। जबकि 20 लोगों को इलाज के लिए अलग अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। जिसमें से सात लोगों को प्रारम्भिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया है। वही 3 घायलों का ट्रामा सेन्टर वाराणसी, 3 घायलों का सर सुन्दर लाल बीएचयू वाराणसी, 5 घायलों का आजमगढ जिलास्पताल व दो का मऊ जिलास्पताल में इलाज चल रहा है। जिनमें कुछ की घालत अभी अभी नाजुक बनी हुई है।