भारतीय जनता पार्टी ने तो अभी से ही ओबीसी कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। हालांकि उसके पास पहले से ही ओबीसी नेता हैं, लेकिन बदले समीकरणों को मद्देनजर रखते हुए बसपा छोड़कर आए ओबीसी नेता फागू चौहान को ओबीसी नेता के तौर पर भाजप आगे कर रही है। फागू चायैहान केा पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाकर साफ कर दिया है कि इस बार लोकसभा चुनाव में वह ओबीसी वोट को किसी कीमत पर अपने पाले से खिसकने नहीं देना चाहती।
उत्तर प्रदेश और खासतौर से पूर्वांचल की सीटों पर ओबीसी की मजबूत उपस्थिति को देखते हुए बीजेपी ने फागू चौहान को आगे किया है। उने पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद यह चर्चा चल निकली है कि वह घोसी से बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशी भी हो सकते हैं। उनके नाम पर आलाकमान मुहर लगा सकता है। इसके बाद वह खुद सामने आए और इस चर्चा को खारिज नहीं किया, बल्कि कहा कि अगर पार्टी टिकट देगी तो वह जरूर चुनाव लड़ेंगे।
ओबीसी आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जब वह मऊ पहुंचे तो लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा उनका पहले से इंतजार कर रही थी। उन्होंने भी इस चर्चा को और हवा देने में देर नहीं की। जिला पंचायत के डाक बंग्ले में मीडिया को बुलाया और कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गयी है वह उसका निर्वहन पूरी इमानदारी से करेंगे। टिकट के सवाल पर कहा कि अब तक पार्टी ने जो भी दायित्व दिया है उसे निष्ठा और ईमानदारी के साथ पूरा किया है। मेरे ऊपर अब तक कोई आरोप भी नहीं लगा है। ऐसे में अगर पार्टी मुझे टिकट देगी तो लोकसभा चुनाव जरूर लड़ूंगा और नहीं देंगे तो नहीं लड़ेंगे।
हालांकि साथ ही यह भी कहा है कि वह न तो टिकट बांटने वाली कमेटी में हैं और न तो कोई ऐसे प्रभावी है पार्टी में जो कहदे कि टिकट दिलवा देगा। टिकट बंटवारे के लिये बहुत लोग बैठे हैं।
जानिये कौन हैं फागू चौहान