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सरकारी जमीन की हेरा फेरी के जांच में खुला राज, 24 के खिलाफ केस दर्ज

locationमऊPublished: Oct 19, 2019 12:23:27 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

आरोपियों को भू-माफियाओं की सूची में शामिल करने का डीएम ने दिया आदेश

Mau News

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मऊ. यूपी के मऊ जिले के शहरी क्षेत्र गाजीपुर तिराहे के पास स्थित आईटीआई कॉलेज की जमीन को अधिग्रहण करने के मामलें में हुए सरकारी भूमि की हेराफेरी का राज एसडीएम और तहसीलदार की जांच में खुलकर सामने आ गया है। जांच के बाद जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट प्रेषित कर दिया गया है। इसके बाद डीएम ने हेरा फेरी में शामिल दो कर्मचारियों के साथ ही 25 के खिलाफ केस दर्ज कर सभी को भू-माफिया की सूची में शामिल करने का आदेश दिया।
बता दें कि जांच रिपोर्ट के अनुसार सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी कर आरोपियों ने सरकारी जमीन को अपने नाम करा लिया। बाद में उसे सरकार को देकर मुआवजा लिया, मुआवजा लेने के बाद जमीन को फिर अपने नाम करा लिया। इसके साथ ही उस भूमि पर अपना निर्माण भी करा लिया।
जानकारी के अनुसार शहर के गाजीपुर तिराहे पर औद्योगिक संस्थान और बुनाई विद्यालय आईटीआई कॉलेज जिस जमीन पर उपस्थित है, वह भूमि 1382 उसली के अभिलेखों में सरकारी बंजर भूमि के नाम पर दर्ज थी। सेवा निवृत्त लेखपाल मोहम्मद शमी अहमन की मिली भगत से कुछ लोगों ने उसे अपने नाम से दर्ज करा लिया। इसके बाद यह जमीन जब अधिग्रहित की गई तो जिन लोगों का नाम उसमें दर्ज था, उन लोगं ने मुआवजा ले लिया। इसके बाद फिर सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी कर अपना नाम दर्ज करा लिया और लेखापाल खेदारुराम से पैमाइश करा कर उसे सङक किनारे ला कर उसपर अपना निर्माण कार्य़ करा लिया।
यहा मामला 2007 में प्रकाश में आया। लेकिन इस मामलें को दबा दिया गया। लेकिन इस बार एसडीएम अतुल वत्स ने पुरे हेराफेरी के खेल को उजागर कर दिया और अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी के सामने पेश की। इस मामलें पर जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि जय यह जनपद आजमगढ जिले में सामिल था, उस समय 1957 में राज्स्व अभिलेखों में यह भूमि बुनाई विद्याल के नाम से दर्ज था। 1964 में इस भूमि पर विद्यालय का निर्माण हुआ। जिसके बाद 1982 के बाद हेराफेरी का खेल शुरु हुआ। विद्यालय की अन्य जमीन को सरकारी बंजर दिखा कर हेरा फेरी किया गया और निर्माण कराया गया। इस लिए सेवा निवृत्त लेखपाल मोहम्मद शमी के साथ वर्तमान समय में मधुबन तहसील में तैनात खेदारु राम यादव सहित 25 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराने और सभी का नाम भू माफिया की सूची में दर्ज कराने का आदेश दिया है। इसके अलावा भूमि को कब्जा मुक्त कराने की कार्य़वाही के भी आदेश दिये है।
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