आरोपियों को लगा कि जो दरिंदगी और हैवानियत मजबूर लड़की के साथ उन्होंने छह महीने पहले की थी, उसमें वो बच गए और अब कुछ नहीं होगा, लेकिन वो भूल गए कि जुर्म छिपता नहीं और कभी न कभी वो सामने आता ही है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ और दरिंदों ने खुद ही ऐसा कदम उठाया कि अपनी हैवानियत के लिये उन्हें काल कोठरी नसीब हुई।
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्या ने बताया कि पुलिस को एक गैंगरेप के वीडियो के बारे में पता चला जो तेजी से वायरल हो रहा था। वीडियो पुलिस के संज्ञान में लाया गया तो हमने इसकी सत्यता जांचने और यह कहां का है इसका पता लगाने का निर्देश दिया। जांच-पड़ताल में पता चला कि वीडियो मऊ के ही घोसी कोतवाली का है। वीडियो मार्च 2019 का था और पुलिस ने इसमें दिख रहे सभी अभियुक्तों की पहचान भी कर ली और सभी को जेल भेजने की कार्यवाही की गयी।
बताया गया है कि घोसी कोतवाली के एक गांव स्थित सिवान में आधा दर्जन आरोपियों ने एक लड़की के साथ बारी-बारी से गैंगरेप किया था और उसका वीडियो बना लिया था। इस घटना का न तो कोई गवाह था और न हीकिसी ने इसकी चर्चा की। पीड़ित के परिवार ने भी इज्जत जाने के डर से खामोश रहना ही बेहतर समझा। उन्होंने इसे बुरा सपना समझकर भुला दिया और शायद समझा हो कि भगवान इसकी सजा जरूर देगा और हुआ भी ऐसा ही। दरिंदों ने तो घटना के बाद ही अपने खास दोस्तों के साथ इसका जिक्र किया था, लेकिन बात कानाफूसी के आगे नहीं बढ़ सकी।
उधर परिवार ने पीड़ित लड़की की शादी कराकर मामले को भूल जाने की कोशिश की, पर लिखा तो कुछ और ही था। कुछ दिन पहले ही आरोपितों ने अपने कुकर्म का पूरा वीडियो वायरल कर दिया। वीडियो विवाहिता के ससुराल तक पहुंचा तो बिना दोष के ही नारी के निर्वासन की परंपरा एक बार फिर सजीव हो गयी। वीडियो पुलिस तक पहुंचा तो उसने जांच-पड़ताल करायी। विवाहिता ने चुप्पी तोङी तो पुलिस ने अपना फर्ज निभाते हुए दरिंदों को दबोच लिया।