पीपल बाबा ने हरित मधुबन प्रोजेक्ट की शुरुआत कठघरा शंकर गांव के शहीद स्मारक में पौधारोपण करके की। इस अभियान के जरिये 5 साल में इस पूरे क्षेत्र की खाली जमीनों को हरित पट्टियों में तब्दील करके आबोहवा को स्वास्थ्यवर्धक बना दिया जायेगा। पीपल बाबा ने यह कहा कि देश में ऑक्सीजन की कमी से ढेर सारी दिक्कतें उभर कर आ रही हैं। इसे पूरा करने के लिए उन्होंने प्लांटेशन को अपना फुल टाइम पेशा बनाया है। देश का हर नागरिक अगर प्लांटेशन और मेन्टेनेन्स के साथ अगर जुड़ जाए तो यह समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।
राष्ट्रीय हिंदी एकता मिशन के अध्यक्ष राणा सिंह अपनी पूरी टीम के साथ मधुबन महोत्सव में हिस्सा लेने आये और हिंदी पढ़ने वाले बच्चों को सफलता के टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि देश के कई राज्य राष्ट्रीय भाषा को अब तक प्रमोट नहीं कर सके हैं। हिंदी को लोग अंग्रेजी के आगे कमजोर मानते हैं लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।
मधुबन महोत्सव का आयोजन रणनीतिकार बद्रीनाथ ने किया। उन्होंने कहा कि यह एक शुरुआत थी, जिसमें सभी दलों और दिलों की दूरियां मिटाकर एक साथ ले चलने का कार्य किया गया। इससे देश के मुख्य सामाजिक संगठनों को भी जोड़ा जायेगा और सबके सहयोग से नया मधुबन बनाया जायेगा। इस दौरान अखिल भारतीय पंचायत परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष अशोक चौहान, महामंत्री ध्यान पाल सिंह जादौन, प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह जादौन मौजूद रहे।