मऊ

चुनावी जंग में बाहुबली का भीम से होगा मुकाबला

-मऊ में मायावती ने मुख्तार अंसारी का टिकट काटा, राजभर को बनाया प्रत्याशी

मऊSep 10, 2021 / 12:54 pm

Ranvijay Singh

प्रतीकात्मक फोटो

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बसपा मुखिया मायावती ने अपने पत्ते खोल साफ कर दिया है कि मऊ जिले की सदर सीट पर चुनावी जंग बाहुबली मुख्तार अंसारी और भीम राजभर के बीच होगी। मायावती ने मुख्तार अंसारी का टिकट काटकर भीम राजभर को उम्मीदवार घोषित किया है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर के लिए यह बड़ी चुनौती होगी। कारण कि मुख्तार अंसारी इस सीट से लगातार पांचवी बार जीत हासिल करने वाले पहले नेता है। आज भी इस सीट पर उन्हीं का कब्जा है।

चुनावी मोड में आई बसपा
बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियां शुरू कर दी है। अति पिछड़े व ब्राह्मण मतदाताओं को साधने में जुटी मायावती ने मऊ से विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी का टिकट काट दिया है। बाहुबली मुख्तार अंसारी के स्थान पर पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को मऊ सदर से प्रत्याशी बनाया है। मुख्तार को अगर सपा से टिकट नहीं मिला तो उसका निर्दल लड़ना तय है। ऐसे में लड़ाई दिलचस्प होने की संभावना है। कारण कि पहले भी भीम मुख्तार को चुनौती दे चुके हैं।

बसपा के स्थापना के बाद से पार्टी के साथ रहे है भीम
प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को मायावती का करीबी माना जाता है। वर्ष 1984 में बसपा के गठन के एक साल बाद ही वर्ष 1985 में भीम बसपा से जुड़े और आजतक बसपा को आगे बढ़ाने के लिए काम करते रहे हैं। भीम को बसपा कई प्रदेशों में प्रभारी भी बना चुकी है। भीम को टिकट मिलने से कार्यकर्ता खुश हैं।

बसपा मुखिया ने जनता को दिया बड़ा मैसेज
मायावती ने शुक्रवार को ट्विट के जरिए मुख्तार अंसारी का टिकट काटने की जानकारी दी। बसपा मुखिया ने अपने ट्विट में लिखा कि, बीएसपी का अगामी यूपी विधानसभा आमचुनाव में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व माफिया आदि को पार्टी से चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मंडल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष भीम राजभर के नाम को फाइनल किया गया है।

विरोधियों की मुश्किल बढ़ाएगा मायावती का दाव
बसपा मुखिया मायावती का माफिया व बाहुबलियों को टिकट न देने का दाव विरोधियों की मुश्किल बढ़ाएगा। कारण कि लगातार अपराध और अपराधियों के संरक्षण को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरता रहा है। हाल ही में मुख्तार अंसारी के भाई सपा में शामिल हुए है। वहीं सपा और भाजपा से कई बाहुबली टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। ऐसें मायावती का बाहुबलियों से दूरी का फैसला दूसरे दलों को सोचने के लिए मजबूर करेगा।

Home / Mau / चुनावी जंग में बाहुबली का भीम से होगा मुकाबला

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.