फतवे में सरकारी सुविधाओ का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि समाज के हित को मिलने वाली सुविधाओं के निजी हित में उपयोग की ईस्लाम धर्म नहीं देता। जो भी लोग सरकारी सुविधाओं को अपनी जागीर समझ इनका निजी इस्तेमाल करें, उनका मुसलमानों को बहिष्कार करना चाहिए। सियासी वजीर हो या आम आदमी, यह फतवा सभी के लिये है। जानकारी के अनुसार आजम खान पर मंत्री रहते समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुसलमानों के लिये चलायी गयी योजनाओं का दुरुपयोग करने एवं व्यक्तिगत हित में उपयोग करने के आरोप लग रहे हैं। आरोपों के अनुसार समाजवादी पार्टी के सत्ता में रहते प्रदेश सरकार ने मुसलमान हितैषी कई योजनाओं का संचालन किया, जिनका लाभ मुसलमानों को नहीं मिला। ऐसे लोगों के खिलाफ इस्लाम क्या कहता है, इसी विषय पर आजम के गृह जनपद रामपुर की तंजीम अवाम-ए-अहले के सदर मोहब्बे अली नईमी रामपुरी ने जामिया अमजदिया दारुल इफ्ता के मुफ्ती से फतवा मांगा था। जिसके जवाब में जिले के मुफ्ती आले मुस्तफा मिसबाही ने कहा कि जो धन सरकार के द्वारा जनता की सेवा के लिए प्रदान किया जाता है, अगर उस धन को कोई खास या वजीर खर्च करता है तो वह इस्लाम की धार्मिक मान्यता के खिलाफ है ।