बतादें कि मऊ का भरत मिलाप एक ऐतिहासिक भरत मिलाप है। जो बहुत प्रचलित है। इस अतिसंवेदनशील जिले में राम चन्द्र जी के भरत से मिलने के पहले उनका शाही विमान तीन बार मस्जिद के गेट को स्पर्श करता है और उसके बाद ही भरत मिलाप होता है। मान्यता है कि यह भरत मिलाप हिंदू-मुस्लिम के एकता का मिशाल माना जाता है। इस भरत मिलाप की खासियत यह है कि इसे बेगम जंहाआरा भी इसी मस्जिद में बैठकर देखा करती थी। भरत मिलाप में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक सहित सभी अधिकारी इस मौके पर पूरी रात मुस्तैद रहे।
मऊ का यह ऐतिहासिक भारत मिलाप काफी प्राचीन है और ताने बाने की इस नगरी मऊ के शाही कटरा मस्जिद के मैदान में होने वाले इस भरत मिलाप को देखने के लिए पूरी रात भारी भीड़ जमा रहती है। सुबह मस्जिद से आने वाली नमाज की आवाज और उसी के बीच श्रीराम का जयघोस दोनों के संगम के बीच होने वाले इस भरत मिलाप की एक अलग ही आलौकिक छटा है। विमान के आगे चलने वाले अखाड़े और नारदी गीत गाते लोंगो का झुण्ड इसकी प्राचीनता को दर्शाता है। पूरी रात हजारों की संख्या में जुटे लोग इस पूरे भरत मिलाप के मंचन को देखते हैं और सुबह राम और भरत के मिलने के बाद ही अपने घर जाते हैं।
इनपुट- मऊ से विजय मिश्रा की रिपोर्ट