इसी उनके परिवार का भरण पोषण होता है। रमजान के महीने में रोजा रखते हैं। पिछले 40 वर्षों से रोजा रख रहे हैं। बताया कि, मुहल्ले के ही रहने वाले बुजुर्ग थे। जिन्होनें रमजान की महीना बहुत ही सुकुन और बरकत देने वाला था। जिसके बाद हम रोजा रखना शुरु कर दिेए हैं, इससे मुझको बहुत सूकून मिलता है। रमजान के महीने में रोजा रखने वाले रोजेदार बर्फ खरीदते हैं, साथ ही बर्फ का इस्तेमाल रोजा रखने वाले रोजेदार सरबत बनाने का काम करते हैं। रोजा खोलने के दौरान शरबत का इसेतमाल रोजादार करता है।
रमजान माह में रोजेदारों ने रोजा रखा हुआ है, रमजान माह बरकत का महीना है। इस माह में रोजा रखने वाले शबाब मिलता है। वहीं रमजान माह की शुरुवात होते ही बाजारो में भी रौनक बढ़ गई है। रोजा रखना और नमाज अदा करना रमजान माह में पवित्र काम है। साथ ही स्थानीय निवासी शदाबाद अंसारी बताते हैं कि, जिले के शहर चौक पर रहने वाले प्रभुनाथ गुप्ता वर्षों से रोजा रखते हैं। ऐसे लोग ही हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिशाल पेश करते हैं और गंगा जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने का काम करते हैं।
input विजय मिश्र