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हिंदू-मुस्लिम एकता की मिशाल हैं प्रभुनाथ, 40 साल से रखते हैं रोजा

locationमऊPublished: May 18, 2018 03:36:51 pm

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिशाल हैं प्रभुनाथ, 40 साल से रखते हैं रोजा

Prabhunath roja fast in Ramadan from 40 years for hindu muslim harmony

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिशाल हैं प्रभुनाथ, 40 साल से रखते हैं रोजा

मऊ. हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिशाल हैं प्रभु गुप्ता। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद की जहां के रहने वाले प्रभुनाथ गुप्ता हिन्दू-मुस्लिम एकता की पहचान हैं। प्रभुनाथ गंगा-जमुनी तहजीब की संस्कृति को जोड़ने वाले सेतू के समान हैं। बता दें कि, रमजान महीने की शुरुआत हो चुकी है। रमजान माह को बरकत का महीना कहा जाता है। रोजा रखने वाले रोजेदार अल्हा के बताए रास्ते पर चलते हैं। ऐसे में प्रभुनाथ गुप्ता भी पिछले 40 वर्षों से रोजा रख रहे हैं। हालांकि प्रभुनाथ गुप्ता बताते हैं कि, उनका कोई स्थाई पेशा या कारोबार नहीं है। गर्मी के महीने में सफेद बर्फ बेचने का काम करते हैं। शहर के बीचो-बीच चौक पर गर्मी के महीने में बर्फ को बेचने का काम करते हैं।
इसी उनके परिवार का भरण पोषण होता है। रमजान के महीने में रोजा रखते हैं। पिछले 40 वर्षों से रोजा रख रहे हैं। बताया कि, मुहल्ले के ही रहने वाले बुजुर्ग थे। जिन्होनें रमजान की महीना बहुत ही सुकुन और बरकत देने वाला था। जिसके बाद हम रोजा रखना शुरु कर दिेए हैं, इससे मुझको बहुत सूकून मिलता है। रमजान के महीने में रोजा रखने वाले रोजेदार बर्फ खरीदते हैं, साथ ही बर्फ का इस्तेमाल रोजा रखने वाले रोजेदार सरबत बनाने का काम करते हैं। रोजा खोलने के दौरान शरबत का इसेतमाल रोजादार करता है।
रमजान माह में रोजेदारों ने रोजा रखा हुआ है, रमजान माह बरकत का महीना है। इस माह में रोजा रखने वाले शबाब मिलता है। वहीं रमजान माह की शुरुवात होते ही बाजारो में भी रौनक बढ़ गई है। रोजा रखना और नमाज अदा करना रमजान माह में पवित्र काम है। साथ ही स्थानीय निवासी शदाबाद अंसारी बताते हैं कि, जिले के शहर चौक पर रहने वाले प्रभुनाथ गुप्ता वर्षों से रोजा रखते हैं। ऐसे लोग ही हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिशाल पेश करते हैं और गंगा जमुनी तहजीब को बढ़ावा देने का काम करते हैं।
input विजय मिश्र

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