scriptयोगी सरकार के छह माहः अभी भी उम्मीद के सहारे मऊवासी, कब होगा का सप ना साकार | Six months of Yogi Government reality check in Mau News in Hindi | Patrika News

योगी सरकार के छह माहः अभी भी उम्मीद के सहारे मऊवासी, कब होगा का सप ना साकार

locationमऊPublished: Sep 18, 2017 11:24:38 pm

विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी ने कई वादें किये थे लेकिन सरकार बनने के छह महीने बाद भी एक भी वादा पूरा नहीं हुआ।

Six months of Yogi Government reality check in Mau

Six months of Yogi Government reality check in Mau

मऊ. बुनकरों की नगरी है मऊ, बुनकरी यहां के आवो हवा में रचती-बसती है, या यूं कहें ही यहां के लोगों की आत्मा में ही बुनकरी का काम बसता है। लेकिन समय के साथ में बुनकरों की पेसा बर्बाद होता गया और उनकी हालत खराब होती गई। जिसे हर चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां मुद्दा बनाकर वोट बैंक की राजनीति करती रही हैं। विधानसभा चुनाव 2017 में बीजेपी ने कई वादें किये थे लेकिन सरकार बनने के छह महीने बाद भी एक भी वादा पूरा नहीं हुआ।
मऊ जिले के बीच शहर में बाल निकेतन मोड पर रेलवे फाटक स्थापित हैं। ट्रेन आने पर रेलवे फाटक को बंद कर दिया जाता हैं। जिससे आये दिन नगर वासियों को घ्ांटो जाम की समस्या से रुबरु होना पड़ता है। पिछली सपा सरकार में भाजपाइयों ने ओवर ब्रिज की मांग की थी, जिस पर शासन ने मांग को संज्ञान में लेकर प्रशासन ने निर्माण के लिए कदम उठाया था। लेकिन सपा सरकार जाने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद अब भाजपाइयों द्वारा इस मुद्दे पर किसी भी तरह की चर्चा नहीं की जा रही है। जिस कारण रोजाना समस्या उत्पन्न हो रही है। जबकि केन्द्र के बाद राज्य में भी बीजेपी की सरकार बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि रेलवे क्राॅसिंग पर ओवर ब्रीज का सपना पूरा हो जाएगा। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका।
बताते चलें कि पिछले सपा सरकार में रेलवे क्राॅसिंग पर ओवर ब्रिज बनाने के लिए कदम उठाया गया था। उस समय रोजाना निर्माण पर सवालिया निशान खड़ा कर भाजपाइयों द्वारा आंदोलन किया जा रहा था। लेकिन सपा की सरकार जाने के बाद ओवर ब्रिज के निर्माण का मामला ठंडे बस्ते में चला गया और जो भाजपाई सपा शासन काल में निर्माण की मांग को लेकर ईट से ईट बजाने की बात कर रहे थे, आज वह उस मुद्दे से भटक गये हैं।
अंडर पास या ओवर ब्रिज ना होने से रोजाना नगर वासियों को जाम की समस्या से रुबरु होना पड़ता हैं। आलम यह है कि रोजना लगभग 18 से 24 ट्रेने मऊ स्टेशन से हो कर गुजरती है और उतनी ही बार रेलवे फाटक को बंद किया जाता है। इस बीच अपने काम को समय से पुरा करने की जल्दी में लोगों को अपना जान जोखिम में डालना पड़ता है। रेलवे फाटक के नीचे से बाइक व साइकिल सवार जान जोखिम में डाल कर निकल जाते हैं। लेकिन वही तीन पहिया और चार पहिया वाहन चालकों और सवारियों को फाटक खुलने का इंतजार करना पड़ता है। फाटक खुलने का बाद जाम की समस्या घंटों बनी रहती हैं और फिर से फाटक बंद होने का समय फिर से आ जाता हैं।
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वहीं रेलवे कर्मचारी राकेश की बात पर गौंर करे तो रोजाना 18 बार फाटक को बंद किया जाता हैं। जिस कारण जाम की समस्या रोजाना आम बात हो गयी हैं। साथ ही रेलवे कर्मचारी ने कहा कि एम्बुलेंस के लिए उनके पास दो मिनट का समय देने का आदेश रहता हैं। लेकिन फाटक बंद होने के बाद वह एम्बुलेंस और मरीजों के हित में कोई भी योगदान नहीं दे पाते।
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इस मुद्दे पर सपा सरकार में आवाज बुलंद करने वाले भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि रेलवे प्रशासन द्वारा योजना पर विचार विमर्श किया जा रहा हैं। जिले के प्रभारी मंत्री नंद गोपाल नंदी द्वारा शासन स्तर पर बात किया गया है। साथ ही रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा भी योजना को पास करने के लिए गंभीर हैं।
By Vijay Mishra

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